मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023: तालाबों के शहर भोपाल की गलियों में तेज हुई चुनावी चर्चाएं, कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर में कौन मारेगा बाजी?

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  • भोपाल जिले की विधानसभा सीट
  • कांग्रेस और बीजेपी में मुकाबला

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-14 13:07 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भोपाल जिले में सात विधानसभा सीट बैरसिया, नरेला, हुजूर, गोविंदपुरा, भोपाल मध्य, भोपाल दक्षिण-पश्चिम और भोपाल उत्तर आती है।  साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भोपाल जिले की सभी सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है।

2018 के विधानसभा चुनावी नतीजों में कांग्रेस ने सात सीटों में से तीन सीट पर कामयाबी हासिल की। बीजेपी के खाते में चार सीटें रह गई थी। चूंकि पूरे मध्य प्रदेश की सियासत भोपाल से तय होती है। लाल बत्तियों के सायरन और शासन प्रशासन के अधिकारियों से चमकते तालाबों के शाहर भोपाल में नेताओं की गहमागहमी चुनावी मौसम में बढ़ जाती है। चुनावी साल और बढ़ते तापमान के बीच जनता के बीच चुनावी चर्चा यहां की गलियों में होना आम बात है। सतपुड़ा भवन में लगी आग से जली सरकारी फाइलों ने चुनावी चर्चाओं का सियासी पारा और बढ़ा दिया है। बीजेपी अपने वर्चस्व को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही। वहीं कांग्रेस इलेक्शन टक्कर देने के लिए तैयार है। इक्का दुक्का सीटों पर बीएसपी त्रिकोणीय मुकाबला पैदा कर देती है। वहीं नगरीय निकाय चुनाव में मिली सफलता के सहारे चुनावी मैदान में आप ने भी सुर्खियां बंटोरना शुरू कर दी है।

2018 के विधानसभा चुनाव में भोपााल मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस के आरिफ मसूद ने जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2013 और 2008 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य सीट पर बीजेपी का कब्जा था।

भोपाल उत्तर विधानसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है, यहां से आरिफ अकील चुनाव जीतते है। 2003 से 2018 तक आरिफ अकील यहां से विधायक है।

नरेला विधानसभा सीट सारंग परिवार का गढ़ मानी जाती है। यहां से शिवराज सरकार में शामिल चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 2008, 2013 और 2018 में जीत दर्ज की थी।

भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट पर किसकी जीत होगी ये चुनावी माहौल के ऊपर निर्भर रहता है। यहां से कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस चुनाव जीतती आई है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के पीसी शर्मा ने बीजेपी के उमाशंकर गुप्ता को हराया था। इसके पहले के दो चुनाव 2008,2013 में इस सीट से उमाशंकर गुप्ता विजयी हुए थे। इस सीट पर बीएसपी के मजबूत प्रत्याशी के चलते मुकाबला त्रिकोणीय हो जाता है।

गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर गौर परिवार का कब्जा बरकरार है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री स्वं बाबूलाल गौर बीजेपी की ओर से विधायक रहे थे उनके देहांत के बाद उनकी बहू कृष्षा गौर इस सीट से विधायक है।

हुजूर विधानसभा सीट से 2018 में रामेश्वर शर्मा ने जीत दर्ज की थी, उससे पहले भी 2013 के विधानसभा चुनाव में भी शर्मा ने इस सीट पर बीजेपी को जीत दिलाई थी।

बैरसिया विधानसभा सीट पर 2003 से 2018 तक लगातार बीजेपी ने जीत का रिकॉर्ड कायम रखा है। 2013 और 2018 में बैरसिया सीट से बीजेपी के विष्णु खत्री चुनाव जीतते आ रहे है।

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