दिनभर खाली पेट ऑपरेशन का इंतजार करती रही महिलाएं, शाम को पहुंचे सर्जन
छिंदवाड़ा दिनभर खाली पेट ऑपरेशन का इंतजार करती रही महिलाएं, शाम को पहुंचे सर्जन
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के गेट नम्बर चार स्थित धर्मशाला में बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिंडरईकला और जिला अस्पताल द्वारा नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में शहरी क्षेत्र के अलावा पिंडरईकला स्वास्थ्य केन्द्र के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से आई १०५ महिलाएं सुबह से खाली पेट ऑपरेशन के लिए इंतजार करती रही। शाम पांच बजे सर्जन के आने पर ऑपरेशन शुरू हो पाए।
बताया जा रहा है कि शिविर में पिण्डरईकला से ७५ और शहरी क्षेत्र से ३० महिलाएं नसबंदी ऑपरेशन कराने अस्पताल पहुंची थी। सुबह से शिविर में आए हितग्राहियों के दोपहर तक सभी टेस्ट कर ऑपरेशन की तैयारी कर ली गई थी। शाम लगभग पांच बजे सर्जन शिविर में पहुंचे। तब कहीं ऑपरेशन शुरू हो पाए। ऑपरेशन देर रात लगभग १० बजे तक चले। इस दौरान हितग्राही महिलाएं और उनके साथ आए छोटे बच्चे व परिजन परेशान होते रहे।
ठंड में बच्चों के साथ परिजन भी परेशान-
नसबंदी शिविर में लिए कई किलोमीटर दूर से आई महिलाओं में से अधिकांश के दुध मुंहे बच्चे थे। बुधवार को सर्द हवाओं के साथ बढ़ी ठंड में बच्चे रोते बिलखते रहे। यही नहीं ऑपरेशन के बाद महिलाओं को वापस गांव तक ले जाने कई परिजनों के पास साधन नहीं थे। ऐसे में पेशेंट के परिजन परेशान होते रहे।
हालात... स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है अपने सर्जन-
१- स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना के पूर्व तक डॉ. एनएस ढाकरिया और पांढुर्ना के डॉ. कड़वे नसबंदी ऑपरेशन करते थे। डॉ. ढाकरिया ने स्वास्थ्य कारणों से ऑपरेशन से इनकार कर दिया और डॉ. कड़वे सेवानिवृत्त हो गए। ऐसे में जिले में एलटीटी ऑपरेशन के लिए एक भी सर्जन नहीं बचे है।
२ - पिछले कुछ दिनों तक नरसिंहपुर के डॉक्टर को बुलाया गया, लेकिन उनके इनकार के बाद अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा डब्ल्यूसीएल से रिटायर्ड डॉ. अजय नायक और जबलपुर से डॉ.आशीष राय और डॉ.शिव को बुलाकर जैसे-तैसे शिविर आयोजित कर रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
- स्वास्थ्य विभाग के पास सर्जन नहीं है। प्राइवेट चिकित्सकों की मदद से शिविर आयोजित कराए जा रहे है। किन्हीं कारणों से शिविर में सर्जन देरी से पहुंचे थे। इस वजह से ऑपरेशन शुरू होने में वक्त लग गया।
- डॉ. प्रमोद वासनिक, जिला मीडिया अधिकारी