नरभक्षी बाघ को पिंजराबंद करने की मांग को लेकर महिलाओँ का हल्लाबोल

आक्रोश  नरभक्षी बाघ को पिंजराबंद करने की मांग को लेकर महिलाओँ का हल्लाबोल

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-23 10:01 GMT
नरभक्षी बाघ को पिंजराबंद करने की मांग को लेकर महिलाओँ का हल्लाबोल

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । मूल तहसील के चिरोली परिसर में बाघ की दहशत मची है। पिछले दो महीने में बाघ के हमले में 3 बेगुनाह लोगों की जान चली गई है। इसकी वजह से किसान, खेतिहर मजदूरों में दहशत है। इसलिए नरभक्षी बाघ को तत्काल पिंजरे में कैद करने की मांग के लिए गुरुवार को बड़ी संख्या में महिलाओं ने वनविभाग  कार्यालय पर पहुंचकर मूल के क्षेत्र सहायक एम.जे. खनके को निवेदन सौंपा है। मूल तहसील के अनेक गांव ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर जोन से सटे है। इसकी वजह से कई बार बाघ के साथ अनेक प्रकार के हिंसक और अन्य वन्यजीव गांव और खेत के आसपास देखे जाते हैं। इसके बावजूद वनविभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। किसी की मौत के बाद वनविभाग की ओर से खानापूर्ति कर परिवार को आर्थिक मदद के लिए प्रस्ताव भेज दिया जाता है। इसकी वजह से ग्रामीणों में दिनोंदिन रोष बढ़ता ही जा रहा है।  बड़ी संख्या में महिलाओं ने वनविभाग कार्यालय पर पहुंचकर अपना रोष जताया। उन्होंने बाघ को तत्काल पिंजराबंद करने की मांग की। इस अवसर पर मूल पंस की पूर्व सदस्य वर्षा लोनबले, चिरोली की सरपंच मिनल लेनगुरे, पूर्व उपसरपंच कविता सुरमवार, सदस्य धीरज वालके, समाजसेवी प्रशांत रामटेके, साथ ही गांव की सैकड़ों महिलाएं शामिल थीं।
 

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