फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन के बाद महिला की मौत

फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन के बाद महिला की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-18 04:45 GMT
फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन के बाद महिला की मौत

डिजिटल  डेस्क, नागपुर। फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन के बाद एक महिला की डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हो गई।  सोमवारीपेठ स्थित  राज्य कामगार बीमा अस्पताल में मासूम बेटी को जन्म देने के बाद महिला के परिजनों ने उसका फैमिली प्लानिंग का ऑपरेशन कराया। ऑपरेशन के समय महिला का अधिक रक्तस्राव होने के कारण उसे मेडिकल अस्पताल भेज दिया गया, जहां डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। परिवार नियोजन ऑपरेशन कराने के चक्कर में रुतिका दामोदर थोटे की जान चली गई। मृतक महिला के परिजनों का सवाल है कि उसकी मौत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। रुतिका को परिजनों ने गत 15 अप्रैल को राज्य कामगार बीमा अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती कराया था।

डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल
 रुतिका ने तीसरी बार भी जब बेटी को जन्म दिया, तब परिजनों ने उसका फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया। राज्य कामगार बीमा अस्पताल में उसका ऑपरेशन करने के दौरान अत्याधिक रक्तस्राव होने लगा। उसके बाद उसे मेडिकल भेजा गया। महिला की मौत ने कई सवाल खड़ा कर दिया है। इसके पहले भी इस अस्पताल मेें डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। रुतिका ने बेटी को जन्म देने के बाद उसे ममता भरी नजरों से देखा था, पर उसे क्या पता था कि परिवार नियोजन ऑपरेशन कराते ही वह अपनी बेटियों को दोबारा नहीं देख पाएगी। 

तीसरी बेटी को जन्म दी थी
 पुलिस सूत्रों के अनुसार रुतिका दामोधर थोटे (37) नरसाला, हुड़केश्वर निवासी के पति बैंक में कार्यरत हैं। रुतिका को गत दिनों राज्य कामगार बीमा अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती किया गया।  उसकी पहली प्रसूति सामान्य हुई थी। उसने बेटी को जन्म दिया था। दूसरी बार उसे सीजर करवाना पड़ा था।  दूसरी बार भी उसे बेटी पैदा हुई थी। तीसरी बार उसे बीमा अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती किया गया। 15 अप्रैल को परिजनों ने उसे सोमवारीपेठ के राज्य कामगार बीमा अस्पताल में भर्ती किया। 16 अप्रैल को उसने तीसरी बार एक बेटी को जन्म दिया। इस बार भी उसे सीजर से ही बेटी पैदा हुई। तब परिजनों ने उसका फैमिली प्लानिंग करने का निर्णय लेकर ऑपरेशन कराया। बीमा अस्पताल के डॉक्टरों ने तय समय में उसका परिवार नियोजन का ऑपरेशन कर दिया।  इस ऑपरेशन के दौरान रुतिका का अधिक रक्तस्राव होने लगा। डॉक्टरों ने प्रयास किया, लेकिन खून बंद नहीं हो रहा था। तब बीमा अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मेडिकल अस्पताल में रेफर कर दिया। 

असफल रहे डॉक्टर
16 अप्रैल को दोपहर में मेडिकल अस्पताल में ले जाने के बाद वहां के डॉक्टरों ने  शर्त रखकर उपचार करने की बात की। रुतिका की हालत देखकर परिजनों ने उसे किसी भी कीमत पर उपचार कर बचाने की गुजारिश की। मेडिकल के डॉक्टर भी उसका रक्तस्राव रोकने में असफल रहे। इस दौरान रुतिका की मेडिकल अस्पताल में मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर  हुड़केश्वर पुलिस ने आखिर आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

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