बात 5000 रुपए की, बिना वेरिफिकेशन कामगार रजिस्टर्ड हो रहे हैं
बात 5000 रुपए की, बिना वेरिफिकेशन कामगार रजिस्टर्ड हो रहे हैं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कामगारों की सुविधा और योजनाओं के लाभ पहुंचाने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन यह सभी का रजिस्ट्रेशन बिना वेरिफिकेशन के किया गया है। केवल कांट्रेक्टर द्वारा दिए गए 90 दिन कार्य करने के सर्टिफिकेट के आधार पर रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। अब तक 45 हजार 431 लोगों को किट मिल चुकी है और 24000 लाेगों के खाते में प्रति व्यक्ति 5000 रुपए जमा हो चुके हैं।
85 रुपए का फार्म भरकर ले सकते हैं सभी सुविधाएं
महाराष्ट्र सरकार द्वारा कामगारों की सुविधा के लिए स्वयं प्रमाणीकरण योजना की शुरूआत की थी इसमें कामगाराें काे रजिस्ट्रेशन कराया रहा है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद कामगारों को अन्य योजनाओं की सुविधाएं भी मिलने लग जाती है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद कामगार को एक किट मिलती है, जिसमें सेफ्टी और एसेंशियल किट दी जाती है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन होते ही कामगार के खाते में 5000 रुपए भी जमा कर देते हैं, लेकिन इस योजना में प्रमाणीकरण करने के लिए कोई भी वेरिफिकेशन नहीं किया जा रहा है। कोई भी किट और रुपए ले जा रहा है
कैसे हो रहा फर्जी रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन के लिए आपको आपके निजी दस्तावेज के साथ प्रमाणिक करने के लिए कांट्रेक्टर द्वारा दिया गया सर्टिफिकेट भी देना होता है, जिसमें 90 दिन कार्य करने का प्रमाण होता है, लेकिन यह लोग कांट्रेक्टर से फर्जी सर्टिफिकेट बनवा कर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं, इसमें कोई वेरिफिकेशन नहीं होता
क्या है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिय
रजिस्ट्रेशन के लिए 85 रुपए का एक फार्म आता है, जिसमें कामगार को अपनी निजी जानकारी को भरकर उसके साथ अपने आधार कार्ड की प्रति, बैंक पासबुक की प्रति जमा करनी है। साथ ही 90 दिन काम करने का कांट्रेक्टर द्वारा दिया गया सर्टिफिकेट जमा करना है। यह आवेदन जमा करने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाता है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद दूसरी सभी योजनाओं का लाभ भी आसानी से ले सकते हैं। जिसमें बच्चों को स्कॉलरशिप, 10वीं 12वीं मंे 50 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने पर 10000 रुपए, डिलिवरी और अन्य योजनाओं का लाभ ले सकते हैं
सभी कामगार हैं, इसकी सत्यता नही
इस योजना के तहत अब तक 45 हजार 431 लोगों को किट मिल चुकी है और 24000 लाेगों के बैंक मंे 11 करोड़ 86 लाख 5000 रुपए जमा कर चुके हैं। इसमें प्रति व्यक्ति 5000 रुपए जमा किए गए हैं। यह आंकड़ा अप्रेल 2018 से मार्च 2019 तक के हैं। लेकिन काेई भी प्रामाणिक तौर पर सिद्ध नहीं हुए हैं। इसमें कई लोग फर्जी रजिस्ट्रेशन करवा कर योजना का लाभ रहे हैं। इनका कोई वेरिफिकेशन नहीं हो रहा है।
किट बांट रहीं एजेंसिया
कामगारों को किट बांटने का काम सरकार ने दो एजेंसियों इंडो अलाइड प्रोटीन फूड प्राइवेट लिमिटेड और गुनीना प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। अभी जितने भी आवेदन अाते हैं, उनकी जानकारी नागपुर कार्यालय से एजेंसियों को दी जाती है और वे शिविर लगाकर किट बांटती हैं। बैंक में रुपए जमा करने का कार्य कामगार कार्यालय द्वारा किया जाता है। सभी आवेदन के आधार पर कार्यालय से मुंबई कार्यालय को बजट की जानकारी दी जाती है और वहीं से बजट नागपुर आता है।
कामगारों का धन दूसरे मद में
महाराष्ट्र इमारत व इतर बांधकाम कामगार कल्याणकारी मंडल द्वारा एक योजना शुरू की गई थी, जिसमें 10 लाख रुपए से ऊपर कोई निर्माण कार्य होता है तो पूरी निर्माण निधि का एक प्रतिशत कामगार कल्याणकारी मंडल में जमा करना होगा। इस योजना से जमा किए गए धन को कामगारों के लिए योजनाओं में उपयोग कर रहे हैं। इसी धन के आधार पर सभी योजनाएं चल रही हैं।