हमारे होते हुए प्रदेश में कोई भी बच्चा अनाथ नहीं रहेगा, हर बच्चा सनाथ होगा!

हमारे होते हुए प्रदेश में कोई भी बच्चा अनाथ नहीं रहेगा, हर बच्चा सनाथ होगा!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-14 09:24 GMT
हमारे होते हुए प्रदेश में कोई भी बच्चा अनाथ नहीं रहेगा, हर बच्चा सनाथ होगा!

डिजिटल डेस्क | सागर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारे होते हुए प्रदेश में कोई भी बच्चा अनाथ नहीं रहेगा, हर बच्चा सनाथ होगा। न केवल ऐसे बच्चे जिनके माँ-बाप का कोविड से निधन हुआ है, बल्कि वे सभी बच्चे जो बेसहारा हैं, उनके खाने-पीने, शिक्षा, रहने आदि की व्यवस्था सरकार करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी बेसहारा बच्चों की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए नई योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान गत दिवस मंत्रालय में प्रदेश के बेसहारा बच्चों की देखभाल के संबंध में बैठक ले रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार वीसी के माध्यम से शामिल हुए।

बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, एसीएस श्री राजेश राजोरा, प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह उपस्थित थे। सांगर से कमिश्नर श्री मुकेश शुक्ला, आईजी, डीआईजी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। पहली प्राथमिकता बच्चों को अभिभावक मिल जाए- मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पहली कोशिश यह हो कि बेसहारा बच्चों को अभिभावक मिल जाएँ। जिन्हें अभिभावक नहीं मिलते हैं, उनके रहने की व्यवस्था शासकीय संस्थाओं में की जाए। अशासकीय संस्थाओं का निरीक्षण करें- मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि जो अशासकीय संस्थाएं बेसहारा बच्चों की देखभाल करती हैं, उनके कार्यों का भी निरीक्षण किया जाए। कई संस्थाएँ बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं।

2457 अनाथ बच्चे- बैठक में बताया गया कि मार्च 2021 से आज तक की स्थिति में प्रदेश में कुल 2457 बच्चे बेसहारा हुए हैं। इनमें से 714 बच्चों के मां-बाप नहीं हैं, 1536 बच्चों के मां-बाप में से एक नहीं है और 207 बच्चे परित्यक्त हैं। मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना में 329 बच्चों को और स्पॉन्सरशिप एवं फौस्टर केअर योजना में 939 बच्चों को सहायता दी गई है। शेष 1189 बच्चों को शीघ्र सहायता प्रदान की जाएगी। सर्वे कर सही संख्या पता करें- मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सर्वे कर प्रदेश में सभी बेसहारा बच्चों की सही संख्या पता की जाए और उनकी देखभाल के लिए एक समेकित नई योजना बनाई जाए, जिससे हर बच्चे की सही देखभाल हो सके।

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