गोसीखुर्द’ सिंचाई परियोजना का काम पूरा करने गांव खाली कराएंगे
गोसीखुर्द’ सिंचाई परियोजना का काम पूरा करने गांव खाली कराएंगे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 32 साल पहले 372 करोड़ रुपए की लागत से वैनगंगा नदी पर शुरू हुए इंदिरा गांधी गोसीखुर्द राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना का काम अब 18 हजार करोड़ के पार पहुंच गया है। फिर भी परियोजना अधूरी है। 32 साल बाद भी गोसीखुर्द बांध में पूर्ण क्षमता या 100 प्रतिशत पानी भंडारण नहीं किया जा सकता है। वजह, गांवों का पुनर्वसन नहीं होना या सुविधा और मुआवजे की मांगों को लेकर प्रकल्पग्रस्तों का गांव खाली करने से मना करना है। 3 हजार से अधिक परिवारों का अभी तक पुनर्वसन नहीं हुआ है। ऐसे में परियोजना अभी तक मूर्तरूप नहीं ले पाई है। अगर गोसीखुर्द में 100 प्रतिशत जलभंडारण होता है तो यह पूर्व विदर्भ की सिंचाई और जलापूर्ति योजना में बड़ी सफलता होगी।
प्रकरणों को शीघ्र हल करें
विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे-वर्मा ने इस दिशा में पहल की है। उन्होंने गोसीखुर्द में में 100 प्रतिशत जलभंडारण का नियोजन करने का निर्देश देते हुए प्रकल्प से संबंधित भूसंपादन प्रक्रिया के तत्काल निपटारा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प महाराष्ट्र का एकमात्र ‘राष्ट्रीय सिंचाई प्रकल्प’ है। इस प्रकल्प का काम तत्काल पूरा करें। कुही तहसील में सोनारवाही गांव के प्रकल्पग्रस्तों को आवश्यक सुविधा और सहकार्य किया जाए। स्थानीय ग्रामीणों को स्थलांतरित करने के लिए आवश्यक उपाय योजना के लिए राजस्व और जलसंपदा विभाग की संयुक्त बैठक जल्द लेकर अगली कार्यवाही की जाए। गोसीखुर्द प्रकल्प के लिए शेष भूसंपादन का जिलास्तरीय समीक्षा लेकर अगले छह महीने में भूसंपादन के बहुसंख्य प्रकरणों का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।
सिंचाई प्रकल्प की समीक्षा
विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल के सभा कक्ष में विभागीय आयुक्त लवंगारे-वर्मा की अध्यक्षता में गोसीखुर्द राष्ट्रीय सिंचाई प्रकल्प के काम की समीक्षा की गई। इस अवसर पर वे बोल रही थी। विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल के कार्यकारी संचालक राजेंद्र मोहिते, अधीक्षक अभियंता राजेश सोनटक्के, गोसीखुर्द प्रकल्प के मुख्य अभियंता प्रकाश पवार, अधीक्षक अभियंता अंकुर देसाई उपस्थित थे। बैठक में उन्होंने गोसीखुर्द प्रकल्प संबंधित प्रमुख प्रकरणों का त्वरित निपटारा करने के लिए नागपुर विभाग के सभी जिलाधिकारियों के साथ जुलाई के प्रथम सप्ताह में बैठक आयोजित करने को कहा।
अभी ये है स्थिति
फिलहाल गोसीखुर्द बांध से 50 प्रतिशत सिंचाई क्षमता निर्माण हुई है। 82 प्रतिशत जलभंडारण हो रहा है। इस प्रकल्प अंतर्गत दो निजी जलविद्युत प्रकल्प ‘बीओटी’ आधार पर विकसित किए गए हैं। इसके आधार पर 26.50 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है। गोसीखुर्द प्रकल्प के 2 गांवठाण का काम अधूरा होने से पुनर्वसन का काम अधर में है। नागपुर, चंद्रपुर और भंडारा जिले में 13 तहसील के 718 गांवों को प्रकल्प का लाभ होगा। प्रकल्प अंतर्गत 85 गांव बाधित हो रहे हैं। उनके पुनर्वसन के लिए 63 नये गांवठाण बनाए गए हैं। इसमें 61 नये गांवठाण के लिए सुविधा निर्माण की गई है। 2 गांवठाण का काम प्रगतिपथ पर है। प्रकल्प में 14 हजार 984 प्रकल्पग्रस्त परिवार में से 11 हजार 676 परिवार स्थलांतरित हो चुके हैं। बाकी 3308 परिवार के मामले लंबित हैं।