महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के दोनों मामलों पर एकसाथ करेगा सुनवाई  

सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के दोनों मामलों पर एकसाथ करेगा सुनवाई  

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-11 13:54 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के नगर निकाय चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई को टाल दिया है। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर सुनवाई सोमवार को मुकर्रर करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में भी निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले पर सुनवाई होनी है, लिहाजा दोनों मामलों को 13 दिसंबर को एक साथ सुनेंगे। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ के समक्ष जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो पीठ ने कहा कि इस मामले को महाराष्ट्र में निकायों के चुनावों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने वाले अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ उठाया जाए। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तब दलील रखी कि वर्तमान मामला नगर निगम और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष के सीटों के आरक्षण के विवाद से संबंधित है।

हाईकोर्ट  ने रोटेशन के एक विशेष तरीके से सीटें आरक्षित करने का निर्देश देते हुए अधिसूचना पर रोक लगाई है। तुषार मेहता ने यह भी तर्क दिया कि हाईकोर्ट के इस आदेश के प्रभाव के रुप में सब कुछ पुनर्व्यवस्थित और पुन:विचार करना होगा। आरक्षण का मसौदा, आपत्तियां आमंत्रित कर निर्णय लेकर फिर अधिसूचना जारी करनी होगी। अगर आरक्षण एससी-एसटी के लिए है तो इसे भविष्य में भी आरक्षित करना होगा। पीठ ने आरक्षण किसके लिए था, यह सवाल उठाते हुए टिप्पणी की कि महाराष्ट्र के मामले के संदर्भ में (विकास गवली बनाम महाराष्ट्र राज्य केस में)ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। एससी-एसटी के लिए आरक्षण दिया जा सकता है। इसके बाद पीठ ने व र्तमान मामले को महाराष्ट्र के मामले के साथ उठाने की इच्छा जाहीर करते हुए इसे सोमवार के लिए स्थगित कर दिया। 

Tags:    

Similar News