अब शीघ्र ही तहसील स्तर पर मिलेगा मौसम का पूर्वानुमान
अब शीघ्र ही तहसील स्तर पर मिलेगा मौसम का पूर्वानुमान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मौसम विभाग जल्द ही मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान तहसील स्तर पर जारी कर सकता है। विशेष रूप से किसानों के जारी किए जाने वाले मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट फिलहाल जिले के स्तर पर जारी की जाती है। तहसील के स्तर पर मौसम पूर्वानुमान किसानों के लिए ज्यादा लाभप्रद साबित हो सकते हैं।
कार्यशाला में दी जानकारी
प्रादेशिक मौसम केंद्र, नागपुर के निदेशक मोहन लाल साहू ने यह जानकारी दी। साहू केंद्र की ओर से मौसम की भविष्यवाणी और चेतावनी का प्रचार एवं प्रसार विषय पर डॉप्लर मौसम विज्ञान रडार भवन में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। कार्यशाला में मौसम पूर्वानुमान का विभिन्न विभागों में उपयोग, जानकारी को सही समय पर सटीकता से संबंधित लोगों तक पहुंचाए जाने समेत कई विषयों पर विचार विमर्श किया गया। कार्यशाला में युधिष्ठर साहू, महाप्रबंधक एयरपोर्ट अथॉरिटी नागपुर, शैलजा वाघ, अतिरिक्त सहायक जनसंपर्क अधिकारी और गौरी मराठे, अतिरिक्त प्रभागीय अधिकारी (समाचार) ऑल इंडिया रेडियो और जेआर प्रसाद ने भी कई विषयों की विस्तार से जानकारी प्रदान की।
नई तकनीक से ज्यादा सटीकता
मोहन लाल साहू ने बताया कि नई तकनीक से मौसम विभाग काफी हद तक सटीक पूर्वानुमान करने में सक्षम हो गया है। यहां तक कि तीन से पांच घंटे पहले आंधी तूफान की जानकारी प्रदान की जा सकती है। सैटेलाइट की मदद से ऊपर से बादलों की स्थिति के चित्र मिलते हैं और रडार के माध्यम से उनके प्रभावशाली होने, बिजली चमकने, आंधी-तूफान आने की संबंधी जानकारी के लिए आंकड़े मिलते हैं। पिछले साल ओडिशा में आए चक्रवात पाइलिन के बारे में सटीक पूर्वानुमान के कारण काफी लोगों की जान बचाने में मदद मिली थी।
हवाई उड़ान के लिए आवश्यक
युधिष्ठर साहू ने बताया कि एविएशन के क्षेत्र में मौसम पूर्वानुमान अत्यंत आवश्यक है। एयरपोर्ट अथॉरिटी को बीस विभागों के साथ समन्वय कर काम करना पड़ता है। इसमें मौसम विभाग काफी अहम है। हर विमान के टेकऑफ के पहले उसके मार्ग के आने वाले हवाई क्षेत्र के मौसम की जानकारी ली जाती है। विमान के लिए थंडरस्ट्रॉम काफी खतरनाक साबित होते हैं।
सही समय पर जानकारी की जरूरत
गौरी मराठे ने कहा कि आज देश में 51 फीसदी लोग सोशल मीडिया खासकर वाट्सएप को जानकारी का सबसे सही माध्यम मानते हैं। ऐसे में सही समय पर सटीक जानकारी पहुंचाना चुनौती है। लाेग अब उस समय जानकारी चाहते हैं, जब वे जानकारी लेने को तैयार हों। सोशल मीडिया के इस दौर में लोगों के लिए सबसे कठिन समस्या यह है कि सही जानकारी और अफवाहों में अंतर कैसे करें।