बरसों से रह रहे नागरिकों को परेशान न करे वेकोलि
पालकमंत्री मुनगंटीवार ने लगाई फटकार बरसों से रह रहे नागरिकों को परेशान न करे वेकोलि
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । चंद्रपुर शहर के बाबूपेठ, हिंदूस्थान लालपेठ कालोनी तथा अन्य क्षेत्र में पिछले 40 से 50 वर्ष से लोगों का निवास है। नागरी सुविधा के कार्य इन क्षेत्र में किए गए हैं। जब अतिक्रमण हो रहा था, तथा जनसुविधा के काम हो रहे थे तब वेकोलि क्या कर रही थी। अब यहां के निवासियों को नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है। यह कदापी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वेकोलि द्वारा पीढ़ियों से रहने वाले लोगों को परेशान न करने की बात कहते हुए अधिकारियों को मुनगंटीवार ने भरी सभा में आड़े हाथों लिया। जिला नियोजन सभागृह मंे वेकोलि नोटिस संदर्भ में आयोजित बैठक में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर जिलाधिकारी विनय गौडा जी.सी., मनपा आयुक्त विपीन पालीवाल आदि उपस्थित थे। मुनगंटीवार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को मकान देने का संकल्प लिया है, जिससे अब इसके आगे वेकोलि द्वारा निवासी नागरिकांें को नोटिस नहीं देना है। जिस समय अतिक्रमण हुआ तब वेकोलि ने आपत्ति क्यों नहीं ली। आज उनकी दूसरी-तीसरी पीढ़ी वहां रहती है, ऐसे लोगों को अब जमीनें खाली करने को कह रहे हैं। यह गंभीर होकर इसके आगे ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अतिक्रमित जमीन फिर से डी-नोटीफाइड कर उसका गुगल मैपिंग करने की प्रक्रिया चलाए। नागरिकांें ने जमीन का पट्टा मांगने प्रशासन के पास आवेदन करें।
अमृत महोत्सवी वर्ष में जनता की जमीनें जनता को दे। आज की स्थिति में नया अतिक्रमण होता होगा तो, उसे रोकेे। इस संदर्भ में प्रशासन वेकोलि को सहयोग करेगा। लेकिन िपछले कई वर्ष से रहने वालों की छत न छिने। जिस जमीन पर अतिक्रमण है, उसके नापजोख की प्रक्रिया शुरू करें। इतना ही नहीं खदान सुरक्षा की दृष्टि से खदान सुरक्षा अधिकारी को जिलाधिकारी ने पत्र लिखकर वास्तविक स्थिति का जायजा ले। माइनिंग सेफ्टी अधिकारी से वीएनआईटी द्वारा सर्वे होना आवश्यक है। गट क्रमांक 329 एसीसी कंपनी को कैसे दिया इसका अभ्यास कर जिलाधिकारी ने दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। नए चंद्रपुर प्रारूप संदर्भ में जिलाधिकारी बैठक ले, ओबी संदर्भ में रॉयल्टी शून्य किया जा सकता है क्या इसका नियोजन करें। तहसीलदार तथा वेकोलि के अधिकारियों ने ब्लास्टिंग का एक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश पालकमंत्री ने दिए। बैठक में बाबूपेठ, लालपेठ व अन्य क्षेत्र के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।