8 दिनों से जलापूर्ति बंद, 8 गांवों में मचा हाहाकार

8 दिनों से जलापूर्ति बंद, 8 गांवों में मचा हाहाकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-05 12:09 GMT
8 दिनों से जलापूर्ति बंद, 8 गांवों में मचा हाहाकार

डिजिटल डेस्क, अहेरी(गड़चिरोली)। जैसे-जैसे गर्मी तेज हो रही है लोग इससे बचने के लिए उपाय कर रहे हैं। भीषण गर्मी में पानी का उपयोग भी बढ़ जाता है।  भीषण गर्मी में लोगों के सूखे कंठ को तर करने के लिए सर्वांधिक पानी की आवश्यकता होती है, ऐसे में तहसील के ग्राम बोरी में जलापूर्ति योजना का बकाया बिजली बिल नहीं भरने के कारण बिजली विभाग ने बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई  है। आठ दिन पहले से जलापूर्ति योजना की बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण बोरी समेत आसपास के 8 गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। यहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हो रहे हैं।

बता दें कि, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ग्रामीण जलापूर्ति योजना तहसील के लगाम (बोरी) गांव में कार्यान्वित की गई है। उक्त जलापूर्ति योजना का लाभ क्षेत्र के लगाम, बोरी, शांतिग्राम, दामपुर, चुटुगुंटा, लगामचेक, कांचनपुर और काकरगट्टा आदि गांवों के लोगों को मिल रहा था, लेकिन क्षेत्र में जलापूर्ति योजना का बकाया बिजली बिल नहीं भरने के कारण बिजली विभाग के उड़नदस्ते ने विगत 29 मार्च को जलापूर्ति योजना की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। इस कारण बोरी समेत परिसर के गांवों में पानी की समस्या तीव्र हो गयी है। मजबूरन ग्रामीणों को नदी, कुओं, हैंडपंप का सहारा लेकर जैसे-तैसे अपनी प्यास बुझा रहे है। फलस्वरूप संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर बंद पड़ी जलापूर्ति योजना तत्काल शुरू करें, ऐसी मांग की जा रही है। 

इधर प्यासे वन्यजीव शहर की ओर रूख कर रहे 
इधर पानी के लिए व्याकुल वन्यजीव शहर की ओर रूख करने लगे हैं।  चंद्रपुर से 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम तुकुम (नंदारा) के तालाब किनारे झाड़ियों में एक पट्टेदार बाघ ने डेरा  डाले रखा। जब कुछ किसान अपने मवेशियों को पानी पीलाने के लिए व महिलाएं कपड़े धोने के लिए तालाब पर पहुंची थी, तब बाघ को तालाब के पास झाड़ियों में ठंडक लेते देख सभी लोग गांव की ओर भाग आए। इसकी खबर फैलते ही बाघ को देखने वालों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने वनपरिक्षेत्र कार्यालय  चिमूर को जानकारी दी, मात्र सूचना के दो घंटे देरी से वनविभाग के अधिकारी व टीम  पहुंची। 

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