ग्रामीणों ने घरों पर काले ध्वज लगाकर किया मेडीगट्टा परियोजना का विरोध
गड़चिरोली ग्रामीणों ने घरों पर काले ध्वज लगाकर किया मेडीगट्टा परियोजना का विरोध
डिजिटल डेस्क, सिरोंचा (गड़चिरोली)। तेलंगाना सरकार की मेड़ीगड्डा सिंचाई परियोजना के कारण सिरोंचा तहसील के 40 गांवों के किसानों को भूमिहीन होना पड़ा है। ऐसे किसानों को तत्काल वित्तीय मदद देने की मांग को लेकर महाराष्ट्र दिवस पर हजारों किसानों ने अपने घरों में काले झंडे फहराकर मेड़ीगड्डा परियोजना का निषेध किया। आंदोलन के दौरान स्थानीय तहसीलदार के जरिए राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ज्ञापन भी भिजवाया गया। अपने ज्ञापन में नुकसानग्रस्त किसानों ने बताया कि, चार वर्ष पूर्व तेलंगाना सरकार ने गोदावरी नदी पर मेड़ीगड्डा सिंचाई परियोजना शुरू की।
नदी के तट पर सिरोंचा तहसील के करीब 40 गांव बसे हुए हैं। इन गांवों के किसानों की खेती भी इसी नदी से सटी हुई है। पिछले 2 वर्षों से परियोजना में पानी रोका जा रहा है। फलस्वरूप यह पानी किसानों के खेतों में पहुंचना लगा है। अधिकांश किसानों के खेत अब नदी में तब्दील हो गए हैं। जिससे किसानों को भूमिहिन होना पड़ रहा है। क्षेत्र के सोमनुर, गुम्मलकोंडा, मुकड़ीगुट्टा, मुत्तापुर, टेकड़ामोटला, सुंकरअल्ली, आसरअल्ली, गोल्लागुड़म, बोराईगुड़म, गेर्रापल्ली, जंगलपल्ली, अंकिसा, बालमृत्यूमपल्ली, लक्ष्मीदेवपेठा, कंबालपेठा समेत अन्य गांवों के किसानों को परियोजना के चलते कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही है।
परियोजना ने क्षेत्र के किसानों की खेती अधिग्रहित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह प्रक्रिया अब तक आरंभ नहीं की गई। लगातार ज्ञापन देने और आंदोलन करने के बाद भी आश्वासन की पूर्ति नहीं हो पाई है। इसी कारण महाराष्ट्र दिवस पर 1 मई को नुकसानग्रस्त किसानों ने अपने घरों में काले झंडे फहराकर मेड़ीगड्डा परियोजना का निषेध किया। आंदोलन में भाजपा के आदिवासी सेल के प्रदेश सदस्य संदीप कोरेत, आसरअल्ली के समाजसेवक चंद्रशेखर, पुलगम सांबाम, भास्कर गुडीमेटला, भारत कलक्षापवार, चिरांदर लगारी, संजय मारगोनी, मधु कारू, रूपेश शिवाला, सत्यम काटेला, समय्या लगारी, शिवाला मतय्या, शिवाला विनोद, कातेला दामोधर, शिवाला दुर्गय्या आदि समेत हजारों किसानों ने हिस्सा लिया था।
पृथक विदर्भ के लिए विदर्भवादियों ने किया अनूठा आंदोलन
गड़चिरोली में महाराष्ट्र राज्य से विभक्त कर विदर्भ को पृथक राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर महाराष्ट्र दिवस पर विदर्भवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिलाभर में एक अनोखा आंदोलन किया। सरकारी कार्यालयों के मुख्य फलक से महाराष्ट्र का नाम हटाकर उस पर विदर्भ शासन लिखकर सरकार का ध्यानाकर्षण किया। इस दौरान गड़चिरोली के इंदिरा गांधी चौक में चक्काजाम आंदोलन भी किया गया।
अहेरी. विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की स्थानीय शाखा के कार्यकर्ताओं ने रविवार सुबह से ही आंदोलन किया। यहां के लोकनिर्माण विभाग के कार्यालय पर पहुंचकर मुख्य फलक से महाराष्ट्र का नाम काटा गया। उस स्थान पर विदर्भ शासन लिखकर सरकारी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। इस समय स्थानीय तहसीलदार के जरिए राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन में विदर्भवादी कार्यकर्ताओं ने बताया कि, राज्य की तत्कालीन सरकार समेत सभी नेताओं ने पृथक विदर्भ निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन यह आश्वासन अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। पृथक विदर्भ का निर्माण नहीं किए जाने से इस क्षेत्र में सुशिक्षित बेरोजगारों की फौज बढ़ने लगी है। साथ ही क्षेत्र का विकास भी अवरूध्द होने लगा है। इसी कारण महाराष्ट्र राज्य निर्माण दिवस पर काला दिवस मनाते हुए विदर्भवादियों ने अनोखा आंदोलन किया। आंदोलन में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के कार्यकर्ताओं ने दर्जनों की संख्या में हिस्सा लिया।