रंगेहाथ पकड़ी गई शिक्षाधिकारी वैशाली वीर-झनकर
8 लाख की रिश्वत रंगेहाथ पकड़ी गई शिक्षाधिकारी वैशाली वीर-झनकर
डिजिटल डेस्क, नाशिक । 8 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद महिलाओं की गिरफ्तारी के लिए बने कानून का फायदा उठा कर फरार हुई नाशिक जिला परिषद की माध्यमिक शिक्षाधिकारी वैशाली वीर-झनकर को पुलिस और रिश्वत प्रतिबंधक विभाग के पथक ने शुक्रवार को नाशिक से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद वैशाली की जिला अस्पताल में वैद्यकीय जांच कराई गई। इसके बाद न्यायालय में पेश करने पर अदालत ने उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए। इसके साथ ही रिश्वत मामले में वैशाली के सहयोगी चालक ज्ञानेश्वर येवले और शिक्षक पंकज दशपुते को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ज्ञात हो कि, स्कूल का अनुदान मंजूर करन के लिए प्रति शिक्षक 25 हजार रुपए ऐसे कुल 8 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में रिश्वत प्रतिबंधक विभाग ने सोमवार को नाशिक जिला परिषद की शिक्षाधिकारी वैशाली वीर-झनकर को कब्जे में लिया था। चूंकि वैशाली वीर-झनकर को सूर्यास्त के बाद रंगे हाथों पकड़ा था। लेकिन कानूनन किसी भी महिला को सूर्यास्त के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था। इसलिए उनके देवर के गारंटी पत्र पर उन्हें सुबह पुलिस स्टेशन बुलाया गया था, परंतु वह दूसरे दिन पुलिस थाना या न्यायालय में पेश नहीं हुई। इसके चलते उन्हें फरार घोषित किया गया था। इस बीच वैशाली वीर ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए भी प्रयास किया। दरम्यान वैशाली वीर-झनकर के नाम पर बड़े तौर पर संपत्ति होने की जानकारी सामने आई है। सिन्नर में उनकी दो जगह पर जमीन है। कल्याण के मिलिंद नगर में भी उनकी जमीन है। एक होंडा सिटी कार है। नाशिक शहर के गंगापुर रोड तथा मुरबाड में गंधारे और कल्याणी नामक मकान है। बाजार दर के अनुसार यह संपत्ति करोड़ों रुपए की है। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद रिश्वत प्रतिबंधक विभाग का पथक भी अचंभित हुआ। अब यह संपत्ति अधिकृत है या अनाधिकृत? इस बारे में जांच की जा रही है।