तीसरी लहर से बचाने बच्चों की जनसंख्या के अनुसार दिसंबर अंत तक टीकाकरण
तीसरी लहर से बचाने बच्चों की जनसंख्या के अनुसार दिसंबर अंत तक टीकाकरण
डिजिटल डेस्क,नागपुर। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या कम हो गई है, लेकिन डेल्टा और डेल्टा प्लस वायरस की आशंका जताई जा रही है। यदि इसका कम्युनिटी स्प्रेड होता है, तो तीसरी लहर आना निश्चित है। इसमें बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका है। इसके लिए बच्चों के टीकाकरण का ट्रायल शुरू हुआ है। यह ट्रायल तीन चरणों में हो रहा है, जिसमें 2 से 6 साल, 6 से 12 साल और 12 से 18 साल के समूह में बच्चों का ट्रायल चल रहा है। इन तीन चरणों में ट्रायल पूरा होने में सितंबर माह तक का समय लगेगा। इसके बाद यदि पूरी क्षमता के साथ भी प्रतिदिन 40 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाई जाती है, तो 45 दिन से ज्यादा का समय लग सकता है। यानी दिसंबर के अंत तक ही टीकाकरण हो पाएगा।
बच्चों का भी दो डोज का होगा ट्रायल
वर्तमान में जिले की कुल जनसंख्या 46 लाख के ऊपर हो चुकी है। 2011 में यह 24 लाख के करीब थी। इसमें 0 से 6 वर्ष के बालक 2,57,438 और 0 से 6 वर्ष की बालिकाएं 2,39,649 थीं। 2021 में यह संख्या करीब दोगुनी हो चुकी है। ताजा अांकड़ों के अनुसार ग्रामीण में 0 से 18 साल के 5 लाख 73 हजार 294 लोग हैं। शहर और ग्रामीण में मिलाकर यह आंकड़ा 15 लाख से भी अधिक है। जानकारी के अनुसार, नागपुर जिले में वर्तमान में 15 लाख से अधिक बच्चे हैं। तीसरी लहर से पहले बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। इसमें 6 से 12 साल और 12 से 18 साल के समूह का ट्रायल शुरू हाे चुका है। इसमें हर समूह में बच्चों को दो डोज देना है। पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। फिलहाल 6 से 12 और 12 से 18 साल के समूह को पहला डोज दिया गया है। इसके अनुसार अगस्त तक ट्रायल खत्म होगा। सितंबर माह तक परिणामों पर शोध किया जाएगा।
एक दिन में 40 हजार लोगों को लगाया जा रहा टीका
जिले में वर्तमान में 18 वर्ष से अधिक, 45 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से अधिक सभी लोगों को टीका लगा रहे हैं। इसमें अौसतन एक दिन में अधिक से अधिक 40 हजार लोगों काे टीका लगाया जा रहा है। इसी क्षमता से सिर्फ बच्चों का टीकाकरण किया जाए तो करीब 45 दिन का समय लगेगा। इस तरह यदि 15 लाख बच्चों का टीकाकरण अक्टूबर माह में भी शुरू होता है तो नवंबर अंत तक पहले डोज का टीकाकरण हो पाएगा। यह भी तब संभव है जब जिले के 200 से अधिक केंद्रों पर सिर्फ बच्चों का टीकाकरण किया जाए। नवंबर अंत तक भी बच्चों को पहला डोज होगा। दिसंबर अंत तक दोनों डोज पूरे होंगे।