तीरथ के हाथों में देवभूमि की जिम्मेदारी: गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत को होंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, आज ही लेंगे शपथ

तीरथ के हाथों में देवभूमि की जिम्मेदारी: गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत को होंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, आज ही लेंगे शपथ

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-10 04:58 GMT
तीरथ के हाथों में देवभूमि की जिम्मेदारी: गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत को होंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, आज ही लेंगे शपथ

डिजिटल डेस्क, देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में सियासी हलचल के बाद राज्य को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। पार्टी ने तीरथ सिंह रावत को सत्ता संभालने की जिम्मेदारी सौंपी हैं। तीरथ सिंह आज ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भाजपा के महामंत्री चुने गए। इसके बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे।

बता दें कि 3 बार विधायक चुने गए रावत वर्ष 2013 में उत्तराखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने थे। 2015 तक उन्होंने उत्तराखंड भाजपा की कमान संभाली। रावत को 17वींं लोकसभा चुनाव में पौड़ी सीट से भाजपा ने टिकट दिया था, जिसमें वे भारी मतों से विजयी हुए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया था।

 

उत्तराखंड के 8 मुख्यमंत्री जो पूरा नहीं कर सके 5 साल का कार्यकाल 

1.त्रिवेंद्र सिंह रावत 
कार्यकाल (18 मार्च 2017 से 9 मार्च 2021)

2.हरीश रावत 
कार्यकाल (1 फरवरी 2012 से 11 मार्च 2017)

3.विजय बहुगुणा 
कार्यकाल (13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014)

4.भुवन चंद्र खंडूरी
कार्यकाल (10 सितंबर 2011 से 13 मार्च 2012)

5.रमेश पोखरियाल
कार्यकाल (27 जून 2009 से 10 सितंबर 2011)

6.भुवन चंद्र खंडूरी
कार्यकाल (8 मार्च 2007 से 23 जून 2009)

7.भगत सिंह कोश्यारी 
कार्यकाल (30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002)

8.नित्यानंद स्वामी 
कार्यकाल (9 फरवरी 2000 से 29 अक्टूबर 2001)

इस्तीफे का कारण जानने के लिए दिल्ली जाना होगा: त्रिवेंद्र
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रावत ने कहा, ‘मैं लंबे समय से राजनीति में काम कर रहा हूं। भाजपा ने जीवन का यह स्वर्णिम अवसर मुझे दिया। मैंने छोटे से गांव में जन्म लिया, पिताजी पूर्व सैनिक थे। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि पार्टी मुझे इतना बड़ा सम्मान देगी। भाजपा में ही यह संभव था।’ हालांकि CM पद से हटाए जाने पर त्रिवेंद्र का दर्द भी सामने आया। जब उनसे अचानक इस्तीफे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा, ‘इसका कारण जानने आपको दिल्ली जाना होगा।’

मैं 4 साल CM रहा, अब किसी और को मौका मिले
रावत ने कहा कि भाजपा ने छोटे से गांव के कार्यकर्ता को इतना बड़ा सम्मान दिया। 4 साल मुझे सेवा करने का मौका दिया। पार्टी ने सामूहिक रूप से फैसला लिया है कि मुझे अब किसी और को यह मौका देना चाहिए। मैं प्रदेशवासियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। 4 साल का मौका पार्टी नहीं देती, तो महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएं मैं नहीं ला सकता था। जो भी जिम्मेदारी लेगा, उन्हें मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं।

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