उत्तराखंड: श्रीनगर-गढ़वाल के जंगलों में लगी आग, सो रहा वन विभाग
उत्तराखंड: श्रीनगर-गढ़वाल के जंगलों में लगी आग, सो रहा वन विभाग
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर/गढवाल। उत्तराखंड के श्रीनगर और गढवाल के जंगलों में लगी आग अब गांवों तक पहुंच गई है। आग भयानक रूप लेती जा रही है, जिसे गांव वाले खुद बुझाने में लगे हैं। गांव वालों का कहना है कि कल दोपहर दो बजे वन विभाग को आग की खबर दी गई लेकिन वन विभाग का एक कर्मचारी भी मौके पर नहीं पहुंचा। जंगल में लगी आग पहले तो सड़क तक पहुंची फिर पास के खोला गांव तक पहुंच गई। ये गांव चारों तरफ आग से घिर गया है। गांव वाले दहशत में हैं। इसके साथ ही लोगों को धुए के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
गढ़वाल और कुमाऊं के जंगल भी सुलग रहे
प्रदेश में बढ़ता तापमान अब आफत बन गया है, जंगल बेतहाशा गर्मी के कारण आग की लपटों में घिर गए हैं। आग की आंच रिहाइशी इलाकों तक भी पहुंच गई है। जिससे बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है। गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों के जंगल सुलग रहे हैं। सबसे बुरा हाल श्रीनगर और हरिद्वार का है, जहां पिछले 5 दिनों में करोड़ों का नुकसान हो चुका है।
Locals say,"fire has been raging in the different parts of the forest area in #Uttarakhand"s Srinagar for the past 3 days, no action has been taken by the administration, there is difficulty in breathing due to the smoke." pic.twitter.com/5atfG1XlLl
— ANI (@ANI) May 20, 2018
आग बुझाने की कोशिशें नाकाम
जंगल में लगी आग बुझाने की तमाम कोशिशें भी नाकाम हो चुकी हैं। हल्द्वानी और बागेश्वर में भी घने जंगल जलकर राख हो गए हैं। श्रीनगर के पास श्रीकोट में सरकारी मेडिकल कॉलेज भी लपटों की जद में आ गया है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ पुलिसकर्मियों की तैनाती से पल्ला झाड़ लिया गया है। धुंए से पूरा इलाका घिरा हुआ है और सांस लेने तक में दिक्कत हो रही है। इलाके में बिजली की लाइन और मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो चुके है।
मनसा देवी मंदिर तक पहुंची आग
रविवार को अचानक मनसा देवी मंदिर की पहाड़ी पर भी जंगल में आग लग गई। बागेश्वर इलाके में भी आग की लपटों से दहशत मची हुई है। बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील से सटे गांव जालेख के जंगल में भयंकर आग लगी हुई है। हालांकि अभी तक किसी की जान नहीं गई है। इस साल मौसम के बदले मिजाज के चलते गर्मी ज्यादा पड़ रही है, जिसके चलते जंगल में आग लगने की घटनाओं में इजाफा देखने को मिल सकता है। कई बार ऐसा देखने को मिला है कि जंगलों में कई दिनों तक आग धधकती रहती है। हेलिकॉप्टर से पानी गिराकर भी आग पर काबू पाने की कोशिश की जाती है। पिछले साल भी गर्मियों के सीजन में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की कई घटनाएं देखने को मिली थीं।
उत्तराखंड में पिछले साल मई में आग की कुल 2,074 घटनाएं दर्ज की गईं। राज्य के 13 जिलों में फैली इस आग को बुझाने के लिए आर्मी और एयरफोर्स को लगाना पड़ा था।रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहाड़ी जिले रुद्रप्रयाग में 37 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। इसी तरह से पौड़ी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में भी तापमान 28 डिग्री से 30 डिग्री के बीच बना हुआ है। इस साल 15 फरवरी से अब तक राज्य में जंगल में आग लगने की कम से कम 57 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।
आग की घटनाओं से निपटने को तैयार सरकार
इस बार फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने कुछ ठोस उपाय करने की कोशिश की है। डिपार्टमेंट ने 40 मास्टर कंट्रोल रूम बनाए हैं, जिन्हें 1,312 क्रू स्टेशनों से लिंक किया गया है, ताकि जंगलों में आगे की घटना सामने आते ही इस पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।