प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए यूपी सरकार भी तैयार
प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए यूपी सरकार भी तैयार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई, ठाणे समेत राज्यभर में फंसे प्रवासी मजदूरों की गांव वापस जाने की चाह जल्द पूरी हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार से मिली सूचना के बाद राज्य में तैनात यूपी के नोडल अधिकारियों ने प्रवासी मजदूरों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। महानगर और आसपास के जिलों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या लाखों में है। महाराष्ट्र सरकार के सेंटरों में भी फिलहाल साढे़ 6 लाख प्रवाशी मजदूरों ने शरण ली है। ऐसे में सभी लोगों को वापस ले जाने की प्रक्रिया बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती है। महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के नोडल अधिकारी विमलेश कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वापसी के इच्छुक राज्य के प्रवाशी मजदूरों की सूची तैयार करने को कहा गया है। फिलहाल यह बेहद शुरुआती चरण में है। कुल कितने लोग वापस जाने के इच्छुक है और वापसी के लिए किन लोगों को प्राथमिकता दी जाए अभी इस पर विचार किया जा रहा है। आंकड़े जुटाने के बाद वापसी की रणनीति बनाई जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दूसरे राज्यों में फंसे प्रवाशी मजदूरों की वापसी को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश के ऐसे श्रमिक, कामगार तथा मजदूर बहन-भाई, जो अन्य राज्यों में निवासरत हैं और 14 दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं, हम उन्हें वापस उनके घर पहुंचाएंगे। ऐसे लोगों की राज्यवार सूची तैयार करने सहित चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।उत्तर प्रदेश में वापस लाए जाने से पूर्व इन श्रमिकों, कामगारों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कराई जाएगी। तत्पश्चात, बस द्वारा सभी को इनके जनपदों में भेजा जाएगा। हमारे श्रमिक और कामगार बंधु जिस जनपद में जाएंगे, वहां भी 14 दिन क्वारंटीन का समय पूरा करेंगे।
वापसी के लिए हो रही थी मांग
उत्तर प्रदेश डेवलपमेन्ट फोरम ने एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि को खत लिखकर लॉक डाउन में बुरे हालात में दिन गुजार रहे प्रवाशी मजदूरों की वापसी की व्यवस्था करने की मांग की थी। पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर इस तरह की मांग की थी।संस्था के महासचिव पंकज जायसवाल ने इस बात पर खुशी जताई कि सरकार ने आखिरकार सरकार ने हमारी मांग मान ली है। जायसवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश से मुंबई आकर मेहनत मजदूरी करने वाले ज्यादातर मजदूर बेहद बुरी स्थिति में रहते हैं। एक ही कमरे में 8-10 मजदूर रहते हैं।
सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं। कामकाज ठप होने के बाद सभी छोटे छोटे कमरों में दिन गुजारने को मजबूर हैं। लॉक डाउन के चलते ज्यादातर लोगों के आय के साधन बंद हो गए हैं। इसलिए लोग किसी तरह अपने घर लौट जाना चाहते हैं। बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को भी इसी तरह का खत लिखा गया है। जायसवाल कहते हैं कि हमें पूरी उम्मीद है कि कुंभ मेले में पांच करोड़ श्रद्धालुओं की व्यवस्था करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार यह काम सफलतापूर्वक पूरा कर लेगी। बता दें कि कि पिछले दिनों बान्द्रा से विशेष ट्रेन चलने की अफवाह पर हजारों प्रवाशी मजदूर सड़क पर आ गए थे। बड़ी संख्या में मजदूर टेंपो में बैठकर या पैदल चलकर गांव जाने की कोशिश में भी पकड़े गए हैं। कई लोगों ने तो पैदल ही महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश तक की यात्रा तय की है।