प्रतियोगिता में हिस्सा लिए बगैर लौटे दो सौ खिलाड़ी
क्रीड़ा अधिकारी की लापरवाही, प्रतियोगिता में हिस्सा लिए बगैर लौटे दो सौ खिलाड़ी
डिजिटल डेस्क, भंडारा। भंडारा शहर के छत्रपति शिवाजी महाराज जिला क्रीड़ा संकुल में आयोजित जिलास्तरीय अंतरशालेय खेल प्रतियोगिता में भाग लिए 200 से अधिक खिलाड़ियों को जिला क्रीड़ा अधिकारी की लापरवाही के कारण प्रतियोगिता में हिस्सा लिए बगैर ही वापस लौटना पड़ा है। इस मामले मंे जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर के पास जिला क्रीड़ा अधिकारी आशा मेश्राम की शिकायत की गई है। खेल विभाग की इस लापरवाही को लेकर शालेय क्रीड़ा शिक्षकों व विद्यार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। आखिरकार जिलाधिकारी ने इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर खेल विभाग से जिलास्तरीय अंतरशालेय खेल प्रतियोगिता में जितनी हो सके, उतनी टीमों की स्पर्धा उसी दिन लेने के लिए कहा, परंतु तब तक आधे से अधिक टीमें वापस लौट गई थी। इस संपूर्ण प्रकरण को लेकर शालेय क्रीड़ा शिक्षकों व विद्यार्थियों में भारी रोष व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्रपति शिवाजी महाराज जिला क्रीड़ा संकुल में जिलास्तरीय अंतर शालेय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसके तहत गुरुवार,24 नवंबर को जिलास्तरीय अंतरशालेय हैंडबॉल स्पर्धा का आयोजन किया गया था। दरअसल यह स्पर्धा 18 नवंबर को होनेवाली थी, परंतु तकनीकी कारणों के चलते यह स्पर्धा 24 नवंबर को लेने का निर्णय जिला क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से लिया गया। ऐसे में पहले ही निश्चित सभी जानकारी हासिल करके लगभग दस शालाओं के 200 से अधिक विद्यार्थी यहां इकट्ठा हुए थे। लेकिन यहां क्रीड़ा संकुल में स्पर्धा को लेकर किसी तरह की तैयारी नहीं की गई थी।
हैंडबॉल स्पर्धा के लिए खिलाड़ियों को बुलाया गया था, परंतु हैंडबॉल के प्रांगण पर घास उगी थी तथा प्रांगण पर रेखांकन भी नहीं किया गया था। जब यहां खिलाड़ी पहंुचे, तब जाकर विभाग ने यह काम हाथ में लिया और दोपहर 2 बजे तक घास हटाई का कार्य चलता रहा। ऐसे में सुबह 10 बजे से स्पर्धाओं के लिए पहुंचे खिलाड़ियों की स्पर्धाएं नहीं हो सकी। अंतत: खेल विभाग ने यह स्पर्धा नहीं होगी, ऐसी घोषणा कर विद्यार्थियों व शिक्षकों को वापिस जाने के लिए कहा गया। इससे संतप्त शालेय क्रीड़ा शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा। जब यह स्पर्धा होनी वाली है, यह पता होकर भी प्रांगण क्यो तैयार नहीं किया गया? हैंडबॉल प्रांगण की बदहाली जिला क्रीड़ा अधिकारी को कैसे नजर नहीं आयी? ऐसे सवाल क्रीड़ा शिक्षकों ने किए। उन्होंने कहा कि लगभग 100 से 150 किमी की दूरी तय कर पहुंचे खिलाड़ियों को स्पर्धा नहीं होगी कहकर वापिस भेजा गया है, यह खेदजनक है। पहले से ग्रामीण अंचल में खेल के प्रति उदासिनता का माहौल है। ऊपर से प्रशासकीय अधिकारियों के इस रवैए के कारण इस उदासिनता को और बढ़ावा मिलता ह़ै। जिलास्तर पर यह स्थिति है, तो तहसील स्तर पर क्या हाल होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता हंै। इस ओर जिला प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।"