11.16 करोड़ के घोटाले में दो बैंक कर्मी गिरफ्तार पुलिस ने लिया पांच दिन की रिमाण्ड पर
सिवनी 11.16 करोड़ के घोटाले में दो बैंक कर्मी गिरफ्तार पुलिस ने लिया पांच दिन की रिमाण्ड पर
डिजिटल डेस्क, सिवनी। 279 जिंदा लोगों को मृत बताकर केवलारी तहसील में पदस्थ बाबू सचिन दहायत द्वारा किए गए 11.16 करोड़ रूपए के सनसनीखेज घोटाले में पुलिस ने निजी बैंक के दो कर्मियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों को सोमवार को जिला न्यायालय में पेश कर पांच दिन की रिमाण्ड पर लिया है। रिमाण्ड पर लिए जाने के बाद पुलिस उनसे पूछताछ व घोटाले के साक्ष्य एकत्र करने में जुट गई है। राहत राशि के नाम पर किए गए इस घोटाले के मुख्य आरोपी सचिन दहायत का अब भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस उसकी पतासाजी में जुटी है। पुलिस दो अन्य संदेहियों की भी तलाश कर रही है। इधर, इस पूरे मामले की जांच एसआईटी अथवा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो(ईओडब्ल्यू) से कराए जाने की मांग केवलारी विधायक राकेश पाल सिंह ने फिर की है।
रिश्ते के भाई हैं दोनों आरोपी
केवलारी पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश कर रिमाण्ड पर लिए गए दोनों आरोपी रिश्ते में भाई लगते हैं और दोनों केवलारी में ही अलग-अलग निजी बैंकों में कार्यरत हैं। इनके नाम श्रेष्ठ अवधिया व विशेष अवधिया बताए जा रहे हैं, जो कि केवलारी में एक ही घर पर रहते हैं। इन्हें हिरासत में लेकर की गई पूछताछ व पड़ताल में दोनों की संलिप्तता घोटाले में पाए जाने पर दोनों को गिरफ्तार कर केवलारी टीआई किशोर बावनकर द्वारा न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार घोटाले में इनमें से एक के खाते में 1 करोड़ रूपए जबकि दूसरे के खाते में 1 करोड़ 24 लाख रूपए डाले गए थे। इतना ही नहीं इनकी माताओं के बैंक एकाउण्ट में भी राशि डाली गई थी। इस घोटाले में पुलिस ने 14 नवंबर की रात आईपीसी की धारा 408, 409, 467,468, 471 व 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।
सीएम को विधायक पाल ने सौंपा मांग पत्र
इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद इसे अत्यंत गंभीर बताते हुए केवलारी विधायक राकेश पाल ङ्क्षसह ने मामले की जांच एसआईटी अथवा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से कराए जाने की मांग की थी। यह मांग विगत दिवस श्री पाल द्वारा भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी की गई है। इसे लेकर उनके द्वारा मुख्यमंत्री को मांग पत्र भी सौंपा गया है। विधायक श्री पाल का कहना है कि शासकीय राशि के गोलमाल का यह मामला अत्यंत गंभीर है और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए।