जिला परिषद शालाओंं का अस्तित्व बचाने अब ली जाएगी स्वयंसेवकों की मदद
गोंदिया जिला परिषद शालाओंं का अस्तित्व बचाने अब ली जाएगी स्वयंसेवकों की मदद
डिजिटल डेस्क, गोंदिया । शिक्षकों के रिक्त पद व शालाओं के शैक्षिणक दर्जे के चलते शिक्षा का बंटाधार हो रहा है। जो विद्यार्थी और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। ऐसे में जिला परिषद शालाओं का अस्तित्व बचाने के लिए अब गोंदिया जिला परिषद ने जहां-जहां शिक्षकों की आवश्यकता है। उन स्कूलों में गांव के ही पात्रता धारक स्वयंसेवकों की शिक्षक के तौर पर नियुक्ति करने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि गोंदिया जिले में जिला परिषद शिक्षा विभाग की 1 हजार 18 स्कूल संचालित है। लेकिन शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली कहे या उदासीनता शिक्षकों के 300 से अधिक पद कई वर्षों से रिक्त पड़े है। यहीं एक कारण है कि विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने की बजाए घट रही हंै। जिप स्कूलों की शिक्षा का स्तर भी काफी नीचे आ चुका हंै। शिक्षा का स्तर घटने से अभिभावक अपने पाल्यों को निजी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हंै।
जिले में मात्र 76 हजार से अधिक विद्यार्थी जिप स्कूलों में पढ रहे है।
भविष्य में विद्यार्थियों की संख्या कम हो जाएगी।
और कही स्कूले विद्यार्थियों के अभाव में बंद हो जायेंगी। इस तरह का डर अब सताने लगा है। जिसे गंभीरता से लेते हुए गोंदिया जिला परिषद ने स्कूलों का अस्तित्व बचाने के उद्देश्य को लेकर जहां-जहां पर शिक्षकों की आवश्यकता है। उन स्कूलों में गांव के ही पात्रता धारक उम्मीदवारों को स्कूलों में शिक्षक के तौर पर चयन किया जायेंगा। चयन करने की जिम्मेदारी संबंधित शाला प्रबंधन समिति को सौंपी जायेंगी। नियुक्त स्वंयसेवकों को जिला परिषद की ओर से मानधन उपलब्ध किया जायेंगा। लेकिन यह प्रयोग कितना सफल होता है यह तो आनेवाले दिनों में ही पता चल सकेंगा।
नियोजन किया जा रहा है
अनेक वर्षों से शिक्षक पदों की भर्ती नहीं हुई हंै। जिस कारण शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हंै। जहां-जहां पर शिक्षकों की आवश्यकता है। वहां-वहां पर जिला परिषद स्कूल प्रबंधन समिति के माध्यम से ग्राम के ही पात्रताधारक उम्मीदवारों का चयन स्वयंसेवक शिक्षक के रूप में किया जाएगा। चयनित स्वयंसेवकों को मानधन की व्यवस्था जिला परिषद की ओर से की जाएगी। जिसका नियोजन चल रहा हंै। - यशवंत गणवीर, शिक्षा सभापति तथा उपाध्यक्ष जिप गोंदिया