‘मैडम’ से मिलने के लिए पहले ‘सर’ से करनी पड़ती है बात
मामला कुरखेड़ा के वन परिक्षेत्र कार्यालय का ‘मैडम’ से मिलने के लिए पहले ‘सर’ से करनी पड़ती है बात
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आम नागरिक प्रशासन के किसी भी विभाग के अधिकारी से आसानी से मिल सकते हंै। लाेकतंत्र में नागरिकों को इस तरह का अधिकार प्रदान किया गया है। लेकिन देसाईगंज वनविभाग के तहत आने वाले कुरखेड़ा वन परिक्षेत्र कार्यालय में यदि किसी व्यक्ति को वन परिक्षेत्र अधिकारी से मिलना हो तो पहले अधिकारी के पति से अनुमति मांगनी पड़ती है। ‘सर’ द्वारा अनुमति मिलने के बाद ही ‘मैडम’ से कार्यालय में मिल सकते हैं। कार्यालय के इस तरह की कार्यप्रणाली से पिछले कुछ दिनों से कुरखेड़ा तहसील के नागरिकों को परेशानी सहनी पड़ रही है। बता दें कि, पिछले डेढ़ महीनों से कुरखेड़ा, पुराड़ा और मालेवाड़ा वन परिक्षेत्र में जंगली हाथियों का विचरण शुरू है। हाथियों के झुंड ने किसानों के खेतों में पहुंचकर धान की फसलों को तहस-नहस करना शुरू कर दिया है।
कुरखेड़ा वन परिक्षेत्र कार्यालय के तहत आने वाले गांवों में भी हाथियों का उत्पात निरंतर जारी है। इस कार्यालय में वन परिक्षेत्र अधिकारी के रूप में मनीषा कुंभलकर कार्यरत है। किसानों के खेत में हो रहे नुकसान के सर्वेक्षण के लिए किसान अब इस कार्यालय में पहुंचने लगे हंै। लेकिन वन परिक्षेत्र अधिकारी मनीषा कुंभलकर से मिलने से पूर्व नुकसानग्रस्त किसानों को पहले उनके पति दीपक कुंभलकर से मिलना पड़ता है। पहले ‘सर’ के सामने ही सारी समस्या रखनी पड़ती है। यदि उन्हें लगा कि संबंधित व्यक्ति को मिलने की अनुमति देनी चाहिए तभी संबंधित व्यक्ति मैडम से भेंट कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि, वन परिक्षेत्र अधिकारी के पति किसी भी सरकारी मीटिंग, कार्यक्रम अथवा नुकसानग्रस्त खेतों के सर्वेक्षण कार्य में भी आसानी से देखे जा रहे हंै। लोगों को अब अचंभित भी होना पड़ रहा है कि, वन परिक्षेत्र अधिकारी ‘सर’ हैं या ‘मैडम’। गौरतलब है कि, किसी भी सरकारी कार्यालयों अथवा स्थानीय स्वराज्य संस्था में पतियों के हस्तक्षेप पर सरकार गंभीर रवैया अपनाती है। लेकिन पिछले अनेक वर्षों से कुरखेड़ा वन परिक्षेत्र कार्यालय में शुरू इस तरह के कार्य पर अब तक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है, जिससे आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।