दिव्यांशी को मिली ममता की गोद ,कोतवाली के पीछे लावारिस मिली थी नवजात बच्ची
दिव्यांशी को मिली ममता की गोद ,कोतवाली के पीछे लावारिस मिली थी नवजात बच्ची
डिजिटल डेस्क,शहडोल। यहां शिशु गृह में पल रही तीन माह की दिव्यांशी को कल ममता की गोद नसीब हो गई। लावारिस मिली इस बच्ची को नागपुर की उमा देशपांडे ने गोद लिया है। आज उनकी खुशी का ठिकाना न था। वह हंस भी रही थीं और उनकी आंखें भी डबडबा रही थीं। उन्हें सूझ ही नहीं रहा था कि खुशी के इस मौके में कैसे रिएक्ट करें। दरअसल, शादी के 14 साल बाद पहली बार उमा को मां बनने का मौका मिला है। उन्होंने शहडोल की लाड़ली दिव्यांशी को गोद लिया है। उमा एक निजी कंपनी में अकाउंट ऑफिसर हैं, जबकि उनके पति अमोल श्रीपाद देशपांडे एडवोकेट हैं। उमा-अमोल की यह पहली संतान कहलाएगी। उमा ने एक ही बात कही वे अपनी बेटी को वो हर खुशी देंगी, जो उनके बस में होगा।
दिव्यांशी अभी तीन माह की है। 4 जनवरी को इस एक दिन की बच्ची को कोतवाली थाने के पीछे कोई फेंक गया था। जानकारी मिलने पर इसे हॉस्पिटल पहुंचाया गया। 14 जनवरी को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के आदेश के बाद बच्ची को शिशु गृह में रखवाया गया था।
देखते ही कर लिया पसंद
शिशु गृह के माध्यम से 16 जनवरी को केंद्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण संस्थान (कारा), राज्य दत्तक ग्रहण अभिकरण संस्थान (सारा) और ट्रैक दा मिसिंग चाइल्ड में बच्ची का रजिस्ट्रेशन कराया गया। इस बीच किसी ने दावा आपत्ति नहीं की तो 14 मार्च को सीडब्ल्यूसी ने इसे लीगल फ्री कर दिया। 22 मार्च को कारा की ओर से बच्ची को अमोल और उमा देशपांडे को रेफरल किया गया। उन्होंने इसे देखने ही अपनी स्वीकृति दे दी। अमोल के परिवार में उनकी मां, भाई और बहन हैं। बहन की शादी हो चुकी है, उनके बड़े-बड़े बच्चे हैं। घर में छोटा बच्चा कोई भी नहीं है।
बर्थ-डे मनाएंगे
उमा-अमोल के जीवन का यह यादगार पल था, जब उन्होंने बच्ची को गोद में लिया। उनका कहना था कि हमारे लिए आज हमारी बिटिया का जन्म हुआ है। आज रात में इसका बर्थडे मनाएंगे और हर साल 3 अप्रैल को बच्ची का बर्थ-डे सेलिब्रेट करेंगे। बता दें कि शहडोल स्थित शिवालय शिशु गृह से अभी तक 23 दंपत्ति बच्चों को गोद ले चुके हैं।