सुरजागढ़ माइनिंग के खिलाफ सड़क पर उतरे हजारों आदिवासी
आंदोलन सुरजागढ़ माइनिंग के खिलाफ सड़क पर उतरे हजारों आदिवासी
डिजिटल डेस्क,एटापल्ली (गड़चिरोली)। सरकार द्वारा सुरजागढ़ माइनिंग उत्खनन के लिए विभिन्न निजी कंपनियों को दी गयी मंजूरी को रद्द करने की मुख्य मांग को लेकर हजारों की संख्या में पहुंचे आदिवासी ग्रामीणों ने एटापल्ली शहर में मोर्चा निकाला, जिसके बाद बेमियादी ठिया आंदोलन शुरू कर सरकारी नीतियों का विरोध किया। जिला महाग्रामसभा स्वायत्त परिषद की अगुवाई में शुरू किया गया यह आंदोलन मांगों की पूर्ति हाेने तक जारी रखने की चेतावनी आंदोलनकर्ताओं ने दी है।
ञापन में परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि, समूचा गड़चिरोली जिला अनुसूचित क्षेत्र में समाविष्ट है। सरकार ने जिले में पेसा कानून लागू किया है। वनों व वनाेपज के अधिकार भी ग्रामसभाओं को प्रदान िकए गए हंै। बावजूद इसके सरकार ने कुछ निजी कंपनियों को लौह उत्खनन की अनुमति प्रदान कर आदिवासियों के अधिकारों का हनन शुरू किया है। एटापल्ली तहसील की सुरजागढ़ पहाड़ी पर इन दिनों बड़े पैमाने पर लौह उत्खनन शुरू है। त्रिवेणी अर्थ मुवर्स कंपनी के माध्मम से शुरू किये गये इस उत्खनन कार्य में स्थानीय आदिवासियों को प्राथमिकता भी नहीं दी जा रही है।
नियमों को ताक पर रख उत्खनन का आरोप
सरकार के सभी नियमों को ताक पर रखते हुए यह उत्खनन शुरू होने का आरोप परिषद ने लगाया है। सुरजागढ़ के अलावा दमकोंडावाही, आगरी, मसेली, झेंड़ेपार समेत जिले के 25 स्थानों की खदानों को सरकार ने मंजूरी प्रदान की है। निजी कंपनियों को उत्खनन के लिए दी गयी लीज तत्काल रद्द करने, आदिवासी व गैरआदिवासियों के लिए लागू की गयी तीन पीढ़ियों की शर्त रद्द करने आिद मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया। सोमवार को हजारों की संख्या में पहुंचे आदिवासियों ने पहले शहर के जांच नाका से उपविभागीय कार्यालय तक मोर्चा निकाला, जिसके बाद जांच नाका परिसर में ठिया आंदोलन शुरू किया है। आंदोलन बेमियादी होकर मांगांे की पूर्ति होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय आंदोलन कर्ताओं ने िलया है। आंदोलन के दौरान उपविभागीय अधिकारी शुभम गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया।