‘जिन्हें आदेश दिया, वे ही कोर्ट में हाजिर हों’, तुरंत कोर्ट परिसर करना होगा खाली
‘जिन्हें आदेश दिया, वे ही कोर्ट में हाजिर हों’, तुरंत कोर्ट परिसर करना होगा खाली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने नागपुर में जिला व सत्र न्यायालय समेत सभी निचली अदालतों के लिए एसओपी जारी की। इसके अनुसार अब जिला न्यायालय और अन्य निचली अदालतों में सिर्फ सुनवाई से जुड़े वकील, उनके सहयोगी और ऐसे पक्षकार जिन्हें कोर्ट ने हाजिर रहने के आदेश दिए हों, वे ही उपस्थिति रह सकेंगे| सुनवाई के तुरंत बाद ही उन्हें कोर्ट परिसर खाली करना होगा| कोर्ट में सिर्फ 50% स्टाफ काम करेगा। वकील, गवाह या पक्षकार की अनुपस्थिति में जजों को कोई गंभीर आदेश पारित नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं|
सुनवाई के तुरंत बाद कोर्ट परिसर खाली करना होगा
डीबीए ने मुख्य न्यायमूर्ति से की थी प्रार्थना : उल्लेखनीय है कि, शहर में सोमवार से लागू हुए लॉकडाउन के बीच जहां विविध वर्गों ने प्रशासकीय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) के अनुसार काम शुरू किया, तो वहीं जिला न्यायालय व अन्य निचली अदालतों के लिए एसओपी के अभाव में सोमवार को संभ्रम की स्थिति रही। न्यायिक अधिकारियों से लेकर वकीलों में कामकाज के तरीके को लेकर असमंजस बना रहा। इसी मुद्दे पर जिला बार एसोसिएशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति को पत्र लिखा। जिसमें बताया गया कि, कोरोना महामारी के बीच निचली अदालतें भी पूरी ऊर्जा के साथ काम कर रही हैं, लेकिन नागपुर में लॉकडाउन लगने के बाद हाईकोर्ट द्वारा अब तक कोई एसअोपी जारी नहीं की है। जिसके कारण निचली अदालतों के कामकाज में अफरा-तफरी और संभ्रम हो रहा है। डीबीए ने मुख्य न्यायमूर्ति से जल्द से जल्द एसओपी जारी करने की प्रार्थना की। जिसके बाद शाम को एसओपी जारी की गई।
ऐसी रही स्थिति : उल्लेखनीय है कि, लॉकडाउन के चलते जहां नागपुर खंडपीठ ने ऑनलाइन कामकाज शुरू कर दिया है। जिला न्यायालय में सोमवार को भी प्रत्यक्ष सुनवाई जारी रही। एक ओर जहां शहर में लॉकडाउन का पूर्ण असर दिखा, वहीं जिला न्यायालय में पहले की तरह वकीलों और पक्षकारों की भीड़ जुटी। जिला न्यायालय में सोमवार को सुबह पक्षकारों की लंबी कतार लग गईं। वहीं वकील व उनका स्टाफ भी बड़ी संख्या में उपस्थित नजर आया।