जिला निर्माण के 38 वर्ष बाद भी मुलचेरा तहसील में नहीं है एक भी पेट्रोल पंप
अनदेखी जिला निर्माण के 38 वर्ष बाद भी मुलचेरा तहसील में नहीं है एक भी पेट्रोल पंप
डिजिटल डेस्क, मुलचेरा(गड़चिरोली)। सरकार ने "मेक इन डंडिया" का नारा देते हुए देश में विकास करने की बात कह रही है। किंतु राज्य के आखिरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले के मुलचेरा तहसील में अब तक किसी भी तरह का विकास होते नहीं दिखाई दे रहा है। इसका ताजा उदाहरण यह है कि, जिला निर्माण के 38 वर्ष बाद भी मुलचेरा तहसील में एक भी जगह पर पेट्रोल पंप शुरू नहीं हो पाया है। इस कारण इस तहसील के वाहन चालकों को लंबी दूरी का सफर कर चामोर्शी व अहेरी तहसील के पेट्रोल पंप से पेट्रोल व डीजल लाना पड़ रहा है। जिससे तहसील के वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुलचेरा में पेट्रोल पंप शुरू करने संदर्भ में प्रशासन की उदासीनता कायम होने के कारण तहसील के नागरिकों में तीव्र नाराजगी व्यक्त की जार रही है। उल्लेखनीय है कि, जिले के दक्षिण उपविभाग में आनेवाले मुलचेरा तहसील में कुल 68 गांवों का समावेश है। इस तहसील में अधिकतर आदिवासी व बंगाली समुदाय के लोग हैं।
विशेषत: यह तहसील पूरी तरह दुर्गम और अविकसित होने के बावजूद भी तहसील के विकास की ओर अनदेखी की जा रही है। मुलचेरा तहसील मुख्यालय में जिला निर्माण के 38 वर्ष बाद भी अब तक पेट्रोल पंप शुरू नहीं हो पाया है। तहसील में दिन ब दिन वाहन धारकों की संख्या बढ़ने के बावजूद भी तहसील के नागरिकों को पेट्रोल और डीजल के लिए दूसरे तहसील अहेरी अथवा चामोर्शी तहसील में करीब 50 से 60 किमी दूरी तय कर पेट्रोल व डीजल के लिए जाना पड़ रहा है। जिसके कारण तहसील के वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। वर्तमान बारिश का मौसम शुरू होकर खरीफ सीजन शुरू है। किसानों को अपने खेतों में सिंचाई के लिए मोटरपंप शुरू करने पड़ते हंै। वहीं धान फसलों के उत्पादन लेने किसान ट्रैक्टर के माध्यम धान बुआई, धान रोपाई के लिए कीचड़ बना रहे हैं। किंतु तहसील में पेट्रोल पंप नहीं होने से किसानों को अपनी मशीन के लिए पेट्रोल तथा डीजल दूसरे तहसील से लाना पड़ रहा है। फलस्वरूप मुलचेरा तहसील में पेट्रोल पंप शुरू करें। ऐसी मांग तहसील के नागरिकों द्वारा की जा रही है। बता दें कि, मुलचेरा तहसील में धान समेत अन्य फसलों का उत्पादन बड़ी मात्रा में लिया जाता है। अनेक गांवों के किसानों के पास ट्रैक्टर है। वहीं ट्रैक्टर के मार्फत खेती कार्य कर फसलों का उत्पादन लेता है। ट्रैक्टर मालिकों को लंबी सफर कर दूसरे तहसील से डीजल लाना पड़ता है। जिससे भारी वित्तीय नुकसान का सामना भी उठाना पड़ रहा है। प्रशासन गंभीरता से ध्यान देकर मुलचेरा तहसील में पेट्रोल पंप दें। ऐसी मांग तहसील के नागरिकों द्वारा की जा रही है।