प्रदेश के 2357 सरकारी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, बच्चों की पढ़ाई ठप्प, अभिभावक परेशान
मध्यप्रदेश प्रदेश के 2357 सरकारी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, बच्चों की पढ़ाई ठप्प, अभिभावक परेशान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों को हाईटेक बनाया जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ हकीकत ये है कि प्रदेश के 2357 सरकारी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। इसके चलते बच्चों की पढ़ाई लिखाई ठप्प हो गई और भविष्य अधंकार में हो रहा है। ये हाल तब है जब वार्षिक परीक्षाओं में कुछ ही महीने का समय बचा है। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। हालात ये है कि वर्तमान में 2357 शिक्षक विहीन एवं 8307 एक शिक्षकीय शालायें विद्यमान है जिसकी वजह से स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र और उनके अभिभावक दोनों ही परेशान हैं।
सोमवार को लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त अभय वर्मा ने समस्त संभागीय संयुक्त संचालक तथा जिला शिक्षा अिधकारी को निर्देश दिये कि 5 दिसंबर तक इन सभी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्त कर सूचित करने को कहा है। अभय वर्मा ने कहा कि ऐसी समस्त शालायें जहां शिक्षकों की अत्यधिक कमी है, अथवा स्थानांतरण के द्वारा रिक्त हुई है, ऐसे सभी स्थानों पर प्राथमिकता के आधार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, ताकि शिक्षण व्यवस्था प्रभावित न हो। ऐसी समस्त शालायें जहा हाल ही में स्थानांतरण के माध्यम से पदस्थापना की गई है उन स्थानों पर यदि पूर्व से अतिथि शिक्षक कार्यरत रहे है तो उन्हें तत्काल कार्यमुक्त किया जाए।
आयुक्त ने कहा कि अधीनस्थ शून्य नामांकन वाली समस्त शालाओं का सेटअप ब्लॉक किया जाए ताकि ऐसी शालाओं में स्वैच्छिक अथवा प्रशासकीय स्थानांतरण के माध्यम से पदस्थापना न हो सके। शून्य नामांकन वाली शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को निकटतम शिक्षक विहीन अथवा एक शिक्षिकीय शालाओं में पदस्थ करने संबंधी कार्यवाही करेंं।
दरअसल, प्रदेश में शिक्षकों के कमी का कारण शिक्षा विभाग में हुए एकमुश्त तबादलें हैं। शिक्षा विभाग में तबादलों की प्रक्रिया के दौरान 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों के ट्रांसफर हुए। थोकभाव में हुए तबादलों की वजह से मध्य प्रदेश के कई स्कूल शिक्षक विहिन हो गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार स्थानांतरण प्रक्रिया में 43118 ऑनलाईन आवेदन के विरूद्ध कुल 25905 स्थानांतरण किए गए हैं। स्थानांतरण प्रक्रिया से शिक्षक विहीन शालाओं एवं एक शिक्षकीय शालाओं की संख्या में क्रमश: 123 एवं 1154 की कमी आई है। यद्यपि वर्तमान में 2357 शिक्षक विहीन एवं 8307 एक शिक्षकीय शालायें विद्यमान है।