गड़चिरोली जिले की सात तहसीलोंं में बस स्टैंड ही नहीं
लोग परेशान गड़चिरोली जिले की सात तहसीलोंं में बस स्टैंड ही नहीं
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । राज्य के आखिरी छोर पर बसे आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिला आजादी के 70 वर्ष बाद भी विकास से कोसों दूर है। आज भी जिले के 7 तहसील मुख्यालय में बस स्टैंड नहीं होने से तहसील वासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य परिवाहन निगम ने "गांव वहां बस" की तर्ज पर बस सेवाएं शुरू की है। लेकिन इस सेवा से जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को वंचित रहना पड़ रहा है। तहसील मुख्यालय होने के बाद भी जिले के 7 तहसील मुख्यालयों में बस स्टैंड नहीं बन पाए हंै। जिले के देसाईगंज, कुरखेड़ा, कोरची, चामोर्शी, एटापल्ली, मुलचेरा व भमरागड़ तहसील मुख्यालय में बस स्थानक नहीं होने से नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि, वर्तमान स्थिति में बसस्थानक के अभाव में यात्रियों को पानठेला और होटलों का सहारा लेने की नौबत आन पड़ी है। जिले में गड़चिरोली व अहेरी ऐसे दो बस डिपो है। वहीं देसाईगंज, कुरखेड़ा, कोरची, चामोर्शी, एटापल्ली, मुलचेरा, भामरागढ़ ऐसे 7 बस स्थानकों का प्रस्ताव अटका है। बस स्थानक के अभाव में इन सभी महत्वपूर्ण केंद्रों पर यात्री व शहर के नागरिकों को त्रासदी का सामना करना पड़ रहा है। जिले के देसाईगंज के बस स्टैंड का प्रस्ताव जमीन के अभाव में पिछले कुछ वर्षों से अधर में अटका पड़ा है। अहेरी उपविभाग अंतर्गत आनेवाले तहसील के नागरिक अहेरी बस डिपों की बसों पर ही निर्भर है। एटापल्ली व भामरागढ़ तहसील के अधिकांश बड़े गांवों तक आज भी बसें पहुंच नहीं पाने से नागरिकों को निजी वाहनों का ही सहारा लेना पड़ रहा है। जिससे अपातकाल की स्थिति में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।