डॉक्टरों की हड़ताल से चरमराई म.प्र. की स्वास्थ्य सेवाएं, अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे प्रदेश के हजारों डॉक्टर्स
मध्यप्रदेश डॉक्टरों की हड़ताल से चरमराई म.प्र. की स्वास्थ्य सेवाएं, अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे प्रदेश के हजारों डॉक्टर्स
- अस्पतालों से लौट रहे है मरीज
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगभग 15000 डॉक्टर हड़ताल पर हैं। जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं डगामगा गई है। डॉक्टर्स की हड़ताल से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था ठप होने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है। क्योंकि डॉक्टर्स के हड़ता पर चले जाने से मरीजों का ना ऑपरेश सकेगा ना ही इलाज।
हड़ताल को लेकर महासचिव चिकित्सा अधिकारी संघ डॉ राकेश तंवर ने कहा, पूर्व के आंदोलन में हमारे द्वारा मांगे रखी गई थी। मुख्यमंत्री जी के आश्वासन के बाद वह आंदोलन स्थगित किया गया था। एक उच्च स्तरीय कमेटी बनी जिसमें सारे IAS अधिकारी और हमारे संघ के लोग थे।
भोपाल: विभिन्न मांगों को लेकर मध्य प्रदेश में लगभग 15000 डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
महासचिव चिकित्सा अधिकारी संघ डॉ राकेश तंवर ने कहा, "पूर्व के आंदोलन में हमारे द्वारा मांगे रखी गई थी। मुख्यमंत्री जी के आश्वासन के बाद वह आंदोलन स्थगित किया गया था। एक उच्च स्तरीय कमेटी बनी जिसमें… pic.twitter.com/OFxovENmSL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2023
मांगों को लेकर चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डॉ राकेश तंवर का कहना है कि उन सहमति वाले बिंदुओं पर आदेश जारी करने के स्थान पर उनमें परिवर्तन करके हमारे साथ छल किया जा रहा है। इसलिए हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे हस्तक्षेप करें और शीघ्र आदेश जारी करें
उन सहमति वाले बिंदुओं पर आदेश जारी करने के स्थान पर उनमें परिवर्तन करके हमारे साथ छल किया जा रहा है। इसलिए हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे हस्तक्षेप करें और शीघ्र आदेश जारी करें: डॉ राकेश तंवर, महासचिव चिकित्सा अधिकारी संघ, भोपाल pic.twitter.com/ypJh2ap0tL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2023
आपको बता दें मंगलवार को सरकार और डॉक्टर्स के बीच बातचीत में गतिरोध के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। आज बुधवार से हजारों डॉक्टर अनिश्चितकॉलीन हड़ताल पर है। वहीं, देर रात तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग चिकित्सा अधिकारियों के हड़ताल पर जाने के बाद बनने वाली विपरीत परिस्थतियों से निटपने के लिए आपस में बात करते रहे। और हड़ताल से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। इसमें सरकारी अस्पतालों में आयुर्वेद और होम्योपैथी डॉक्टरों की तैनाती की गई है।