किसानों के लिये बनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किसानों के बीच किया जाये -कृषि उत्पादन आयुक्त एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के अन्तर्गत उज्जैन संभाग की सभी नर्सरियों में चिन्हित प्रोडक्ट लिये जायें!
योजनाओं का प्रचार-प्रसार किसानों के लिये बनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किसानों के बीच किया जाये -कृषि उत्पादन आयुक्त एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के अन्तर्गत उज्जैन संभाग की सभी नर्सरियों में चिन्हित प्रोडक्ट लिये जायें!
डिजिटल डेस्क | उज्जैन प्रदेश शासन के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री शैलेंद्र सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि विभाग, उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी उद्योग, सहकारिता, दुग्ध संघ, मत्स्य आदि विभागों में किये जा रहे कार्यों और योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने संभागायुक्त एवं संभाग के सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे अपने अधीनस्थ अमले को किसानों के बीच भेजें, जो किसानों के लिये बनाई गई योजनाओं का प्रचार-प्रसार किसानों के बीच कर उन्हें लाभ दिला सकें।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने उज्जैन संभाग के संभागायुक्त एवं संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के अन्तर्गत जिलों के लिये चिन्हित फसल उत्पादन पर विशेष ध्यान केन्द्रित करें। इसके तहत उज्जैन जिले में प्याज, देवास में आलू, शाजापुर में प्याज, रतलाम में लहसुन, नीमच में धनिया आदि फसलों को चिन्हित किया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने निर्देश दिये कि सभी जिले अपनी-अपनी नर्सरियों में भी उक्त उत्पादन को लें। आरकेवीव्हाय से इसके लिये विशेष फंड भी जारी किये जायेंगे। उन्होंने निर्देश दिये कि नर्सरियों के अलावा किसान अपने खेतों में भी उक्त उत्पादन को लें। इसके लिये उन्होंने विभाग के अधिकारियों को किसानों के बीच जाकर समझाईश देने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि इसके लिये अच्छे हितग्राहियों का चयन करें और फसल उत्पादन को मार्केटिंग से भी लिंकेज करें।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने सभी जिलों में युरिया की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि गत वर्ष की युरिया के भुगतान की कोई भी राशि शेष न रहे। उन्होंने बताया कि रबी 2021-22 का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। फसल कटाई में विशेष ध्यान देने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि फसल कटाई प्रयोग पूरी सावधानी से किया जाये। उन्होंने गत वर्ष के फसल कटाई एवं कृषि बीमा के क्लेम के प्रकरण को शीघ्र ही निपटाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में लाभान्वित हुए किसानों की जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिये कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि किसान के एक खसरे पर एक से अधिक बीमा प्रकरण न रहें।
उन्होंने बताया कि कई जगह एक ही खसरे पर किसानों ने दो से अधिक बीमा कराया हुआ है। उन्होंने बताया कि एक खसरे में जितना रकबा है, उसी का ही बीमा कराया जायेगा। लैण्ड रिकार्ड के खसरे को ही मान्य किया जायेगा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों के फार्म गेट प्रयोग को जारी रखने के निर्देश दिये। इसके तहत हितग्राही स्वयं किसानों के पास चलकर उसके फसल उत्पादन को खरीदने के लिये आता है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस बात की समझाईश दी जाये कि वे किसी भी स्थिति में नरवाई न जलायें। भारत सरकार सेटेलाईट के माध्यम से इसकी सतत मॉनीटरिंग कर रही है कि कहीं भी नरवाई जलाने की घटनाएं न हो। गत वर्ष मध्य प्रदेश में नरवाई जलाने की 50 हजार से अधिक प्रकरण सामने आये थे। उन्होंने कहा कि नरवाई जलाने पर दण्ड का प्रावधान है। सभी कलेक्टर अपने इस अधिकार का प्रयोग करें।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने आर्गेनिक खेती को भी बढ़ावा देने के निर्देश दिये। पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि पशुओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण एवं उनमें टैग लगाने का कार्य 30 दिसम्बर तक हर हाल में कर लिया जाये। कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण शत-प्रतिशत कराने के निर्देश दिये। उन्होंने उद्यमिता विकास के अन्तर्गत भेड़, बकरी एवं मुर्गी पालन के लिये स्व-सहायता समूह या आंत्रप्योर को तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, पशुधन बीमा योजना आदि की भी समीक्षा की।
उन्होंने निर्देश दिये कि पशु कल्याण समितियों में जो राशि रहती है, उसका उपयोग पशुओं के उपचार, आवश्यक उपकरण खरीदी, अस्पताल के रख-रखाव आदि में किया जाये। सहकारी दुग्ध संघ एवं डेयरी विकास विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने उज्जैन कलेक्टर को निर्देश दिये कि वे दुग्ध संघ के दूध एवं घी का उपयोग महाकाल मन्दिर में अनिवार्य रूप से करायें। अल्प अवधि फसल ऋणों की वसूली की समीक्षा के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त ने उज्जैन की प्रशंसा की। उन्होंने निर्देश दिये कि संभाग के सभी जिले आने वाले समय में 10 प्रतिशत का लक्ष्य ऋण की वसूली में लेकर चलें। इस वर्ष वसूली बढ़ाई जाये। भू-अभिलेख पोर्टल पर समितियों के ऋणों की प्रविष्टि की समीक्षा के दौरान मंदसौर जिले में कम प्रविष्टि होने पर इसे बढ़ाने के लिये कहा। जिला स्तर पर गबन, धोखाधड़ी के प्रकरणों की समीक्षा के दौरा%