चौरासी कोसी परिक्रमा में निकले संतों का पहाडीखेरा के रांय हनुमान मंदिर में स्वागत 

पन्ना चौरासी कोसी परिक्रमा में निकले संतों का पहाडीखेरा के रांय हनुमान मंदिर में स्वागत 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-14 05:09 GMT
चौरासी कोसी परिक्रमा में निकले संतों का पहाडीखेरा के रांय हनुमान मंदिर में स्वागत 

डिजिटल डेस्क,पन्ना। हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखने वाले चौरासी कोसी परिक्रमा में देश के विभिन्न भागों से आए हजारों की संख्या में साधू-संतो का जत्था चौरासी कोसी परिक्रमा में सम्मलित है जहां इन संतों का जगह-जगह स्वागत किया जा रहा है। बता दें कि ऋषि मुनियों द्वारा तीर्थ स्थलों की पहचान व उसकी परंपराओं को जनमानस में आध्यात्मिक संस्कारों को टिकाये रखने के लिए तीर्थ क्षेत्र की सीमाओं का निर्धारण कर उसकी परिक्रमा करने का विधान रखा गया था। पौराणिक मान्यताओं पर गौर करें तो भगवान श्रीराम को चौदह वर्षाे के वनवास के दौरान भरत जी अयोध्या से पैदल चलकर चित्रकूट श्रीराम को लेने आए थे पर भगवान श्रीराम ने पिता के वचनों का पालन करने के लिए चौदह वर्षाे तक जंगल में ही रहना का निश्चय किया था तब भरत द्वारा निराश होकर चित्रकूट के अंतर्गत आने वाले धार्मिक स्थानों की चौरासी कोसीय परिक्रमा की थी तब से ऐसी मान्यता है कि मनुष्य को चौरासी कोसीय परिक्रमा करने के उपरांत चौरासी लाख योनियां नहीं भुगतनी पडती। परिक्रमा संचालक गोविन्द दास महाराज ने बताया कि चौरासी कोसीय परिधि के अंदर भगवान श्रीराम का वास है जहां सेैकड़ों धार्मिक स्थल आते हैं जो कि चित्रकूट की सांस्कृतिक सीमा में है इन धार्मिक स्थलों पर पूजन हवन करने से जीव मात्र को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

परिक्रमा की शुरूआत फागुन मास की अमावस्या से कामदगिरी परिक्रमा के साथ की जाती है जो एक माह तक चित्रकूट के चौरासी कोस की परिधि में आने वाले पौराणिक स्थलों से गुजरती है इसके बाद चित्रकूट स्थित स्वामी मत्यस्य गजेन्द्रनाथ महाराज का पूजन कर इसका समापन किया जाता है। बताया गया कि चौरासी कोशीय तपोवन में भगवान श्रीराम का वास है यही वजह है कि साधू संत एक साथ मिलकर विगत कई वर्षाे से इस यात्रा को करते चले आ रहे है। जहां परिक्रमार्थियों का जत्था सोमवार सुबह सूर्य की पहली किरण के साथ पहाडीखेरा के समीप रांय हनुमान मंदिर पहँुचा जहां पर पहाडीखेरा व क्षेत्रवासियों द्वारा जय श्रीराम-सीताराम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूँजयमान हो उठा। तत्पश्चात फूलमाला से स्वागत किया गया और भजन प्रवचन व प्रसाद वितरण में फल-फूल सहित अन्य सामग्री वितरित कर सभी परिक्रमार्थियों से भक्तों द्वारा आर्शीवाद प्राप्त किया गया। तत्पश्चात श्रीराम भगवान का जयघोष करते हुए ध्वजा लहारते हुए साधू-संतो का जत्था अगले पड़ाव कौम्हारी जिला सतना के लिए रवाना हुआ।  

यह भक्त रहे उपस्थित 
इस दौरान अनिल सिंह राजपूत चौकी प्रभारी पहाडीखेरा, इन्द्रमणि गर्ग, संतोष द्विवेदी, रामशिरोमण मिश्रा, धीरेन्द्र कुमार गौतम, विजय गुप्ता, कैलाश जडिया, पुष्पेन्द्र पाण्डेय, लक्ष्मीकान्त गर्ग, अध्योया प्रसाद त्रिपाठी, डॉ.अशोक सिंह, राघवेन्द्र गर्ग, बृजेश मिश्रा, भुल्ला गर्ग, लल्लू चौबे, दयाशंकर द्विवेदी, चन्द्रभान गर्ग, बैजनाथ गर्ग, चन्द्र प्रकाश उरमलिया, रमेश गौतम, विश्राम सिंह, अरविन्द कुमार गौतम व पत्रकार हरीशंकर पाण्डेय सहित काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।  
 

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