’वायुमंडल का शुद्धिकरण लोक अभियान’ कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु एक से 15 मई तक षिक्षकों की 11 सूत्रीय पहल!
’वायुमंडल का शुद्धिकरण लोक अभियान’ कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु एक से 15 मई तक षिक्षकों की 11 सूत्रीय पहल!
डिजिटल डेस्क | सागर ’प्रदेश के शिक्षको का रचनात्मक मैत्री समूह-/ शिक्षक संदर्भ समूह / द्वारा (लोकसंत आचार्य श्री विधासागर की प्रेरणा से एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के अभियान गृहे -गृहे गायत्री यज्ञ-यज्ञो पैथी की प्रेरणा से) शिक्षक के कर्तव्य को पूर्ण करते हुए समूह के समन्वयक डॉ दामोदर जैन,राज्य शिक्षा केन्द्र,भोपाल, 99937105071 के मार्गदर्शन में समूह के सभी सदस्यों द्वारा कोरोना काल से बचने हेतु 1 मई से 15 मई तक के लिए 11 सूत्रीय पहल की गयी है। जिसमें शिक्षक संदर्भ समूह एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार,सागर की सदस्य शिक्षिका श्रीमती कृष्णा साहू द्वारा बताया गया कि आज की विकट परिस्थिति में कोरोना नामक सुरसा अपना विकराल मुँह फैला कर काल का ग्रास बना रहा है द्य किसी को इस वैश्विक महामारी को दूर करने के कारगार उपाय समझ नही आ रहे।
कोरोना स्वयं भी तो बता रहा पुरातन संस्कृति अपनाए इससे बचने के उपाय स्वंय ही हमारे पूर्वजों के बनाये अनेक नियम हैद्य जो आज हम कोरोना से बचने के लिए अपना रहे हैंद्य यदि अभी कुछ नहीं होगा तो परिस्थितियां और अधिक बिगड़ेगी फिर हम कुछ नहीं कर पाएंगे। बढ़ती परेशानी का प्रमुख कारण वायु प्रदूषण है। जिसके लिए क्या सरकार के अलावा समाजिक स्तर पर कोई पहल की जा सकती है ? जिससे वायु प्रदूषण नियंत्रण हो सके। इसलिए चलो एक कदम बढ़ाये-अपनी सनातन संस्कृति का ओर एक अभियान बनाकर- पुरातन संस्कृति अपनाओ- प्रदूषण भगाओ यह संकट भारतीय सनातन- संस्कृति -यज्ञ परम्परा को भूलने का दुष्परिणाम है।
सभी धार्मिक और सामाजिक संगठन आगे आएँ। कथित बुद्धि जीवियों और वामपंथियों की बातों पर ध्यान न दें। घर घर यज्ञ और अग्निहोत्र तत्काल आरंभ हों। इसे धर्म से न जोड़ें। यज्ञ, हवन, होम-धूप सबसे बड़ा सेनेटाइजर है। तो चलो आईये अपने वायुमंडल के शुद्धिकरण हेतु श्री राम सेतु जैसे गिलहरी जैसा योगदान करे। ’1 मई से 15 मई तक लगातार प्रतिदिन सभी अपने अपने घर में रहते हुए, इस दैनिक-कार्य-सूची अनुसार काम करें। (1)- योग-प्राणायाम-ध्यान के साथ सभी जीवों के लिए स्वस्ति कामना। (2)- घर में उपलब्ध संसाधनों से बागवानी के साथ धूप से विटामिन डी का सेवन। (3)- घर में शुद्धि हेतु प्राकृतिक जड़ी-बूटी मिश्रित हवन सामग्री, कपूर, लौग, गंधक- लोबान, घी- नैवेध(गुड़) आदि का प्रयोग कर उपले, समिधा या तॉबे के बर्तन को गैस आदि पर गर्म कर हवन सामग्री को प्रज्वलित कर धूप से पूरे घर के वातावरण को शुद्ध करना। (4)- घर में उपलब्ध सत् साहित्य का अध्ययन करना। (5)- अपने परिचतों, पडोसियों ,मित्रो आदि से मोबाइल पर संपर्क कर सकारात्मक संबल स्थापित करना। (6) - नीम की सूखी पत्तियों को जलाकर शुद्धिकरण करनाद्य (7) - रात में जलाई जा रही बैषेली मच्छर अगरबत्तियों पर प्रतिबंध करना। (8) - नकारात्मक खबरें से दूर रहनाद्य सकारात्मक रहना और फैलाना। (9) - अभी 15 दिनों तक अपने घर में सुरक्षित रहना। (10) -शाम को घर मे घी या कपूर का दीपक जलाकर उसको पूरे घर में घुमाना, चाहे तो अजवाइन,लौंग,कपूर, गंधक-लोबान की धूनी आदि अपनी सुविधा अनुसार करना। (11) - शासन द्वारा दिये गए निर्देशों - मास्क, दो गज दूरी, घर पर रहना- बिना का काम के बाहर ना निकलना, बारी आने पर वैंकसीनेशन कराना आदि का पालन करना।
शिक्षक संदर्भ समूह इन ग्यारह सूत्रों को 1 मई से 15 तक लगातार अपनाने का आप सभी से आग्रह करता है और जितना हो सके ऑनलाइन माध्यम, मीडिया द्वारा परहित हेतु प्रचार प्रसार को भी करने का आह्वन करता हैद्य यह कार्य म. प्र. में ही नही वरन अन्य राज्यों में समूह के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। हम सभी भारतीय पुरातन संस्कृति का अनुसरण कर प्राकृतिक रूप से अपने घर को सेनेटाईज करे और आध्याात्म से जुडकर सकारात्मक ऊर्जामय वातावरण अपने घर में बनाये द्य घर पर रहकर अच्छा मौका है सभी के पास समय के सकारात्मक सहयोग से पुरातन संस्कृति को पुनरू स्थापित करने का। ’प्रदूषण कारण , मानवी संसाधन प्रधान। यज्ञ-मंत्र-वृक्ष- संयम है, उसका समाधान।। निवेदक - श्री एम. डी. त्रिपाठी प्राचार्य,श्री लोकमन चैधरी बीआरसीसी सागर, श्री अनुराग राय बीआरसीसी रहली, मनोज नेमा,श्री माधवराव शिंदे, अशोक राजौरिया, श्री मति कृष्णा साहू, मंजुलता राय, राजकुमारी यादव, हेमलता पचैरिया,सरोज प्रजापति एवं समस्त सदस्य शिक्षक संदर्भ समूह सागर एवं म. प्र.।