नेमावर हत्याकांड में परिवार की इकलौती बची बच्ची कल से निकालेगी न्याय यात्रा

जनता की अदालत में न्याय की मांग नेमावर हत्याकांड में परिवार की इकलौती बची बच्ची कल से निकालेगी न्याय यात्रा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-31 09:44 GMT
नेमावर हत्याकांड में परिवार की इकलौती बची बच्ची कल से निकालेगी न्याय यात्रा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में देवास के नेमावर में आदिवासी नरसंहार के 6 महीने बाद मामले में नया मोड़ सामने आया है। परिवार की एक मात्र जिंदा बची लड़की भारती कास्डे ने शिवराज सरकार को न्याय यात्रा की चेतावनी दी, तो शिवराज सरकार में हड़कंप मच गया। भारती का कहना है कि अभी तक पूरा न्याय नहीं मिला है। कल नए साल से भारती न्याय के लिए न्याय यात्रा निकालने जा रही है।

आपको बता दें इस परिवार की एकमात्र जीवित बची सदस्य भारती कास्डे है, जिसने सरकार को चैलेंज किया है। उसने इंसाफ के लिए न्याय यात्रा निकालने का फैसला किया है। भारती के इस कदम से मध्य प्रदेश सरकार हिल गई है। वहीं न्याय की मिलने की खातिर भारती ने बताया कि न्याय यात्रा से कदम बढ़ाने के बाद किसी सूरत में पीछे नहीं हटूंगी।

                    

एक जनवरी से शुरू यात्रा, 6 जनवरी को पहुंचेगी भोपाल

यात्रा 1 जनवरी को नेमावर से निकलकर 6 जनवरी को भोपाल पहुंचेगी। भारती ने न्याय मांगने के लिए न्याय की यात्रा के पोस्टर छपवाए हैं।
भारती ने इस तरह के पोस्टर छपवाए हैं। भारती ने परिवार के लापता होने से लेकर न्याय यात्रा निकालने तक की तैयारी कर ली है। और नई साल के पहले दिन से ही आदिवासी की हमदर्दी बनती बीजेपी सरकार को घेरने की तैयारी में है जिसे  अभी तक न्याय नहीं मिला।

सरकार, सरकार का संरक्षण प्राप्त लोगों की ओर से मिल रही धमकियों और डर के आगे में  पीछे नहीं हटने वाली। मैं हर हाल में न्याय यात्रा निकाल कर रहूंगी। भारती की न्याय यात्रा में कई  राजनैतिक और सामाजिक संगठन भी कूद पड़े है, जिससे मध्यप्रदेश बीजेपी की शिवराज सरकार सकते में आ गई है। आनन फानन में शिवराज सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी है। लेकिन सरकार को इस  अनुशंसा में  6 महीने बीत गए। भारती की न्याय यात्रा के तीन दिन पहले ही मध्यप्रदेश सरकार ने ये कदम बढ़ाया है।  

 कातिलों को मिले सजा

इससे पहले प्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवार को 41 लाख रुपए का मुआवजा दिया था। आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाया। लेकिन भारती को अभी तक न्याय नहीं मिला। साथ ही मामले में  राजनीति नहीं थमी। भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में आंदोलन हुआ। साथ ही कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम कमलनाथ ने वहां जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस), गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) और कांग्रेस इस मसले पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश में थे।  सोशल मीडिया पर पीड़ित परिवार सीबीआई जांच को लेकर अभियान चला रखा था।  हालफिलहाल सरकार के हत्याकांड की सीबीआई जांच के फैसले ने सभी विपक्षी दलों को चौंका दिया है। विपक्ष घटना के बाद से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहा था।  अब सरकार की सिफारिश भारती की न्याय यात्रा के आगे सरकार का झुकाव या आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए उठाया कदम। आपको बता दें बीजेपी सरकार  2023 में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आदिवासी समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती है। 

क्या है नेमावर हत्याकांड? 
देवास के नेमावर में  मई 2021 को भारती कास्डे ने अपनी बहन रूपाली उम्र 21 वर्ष, ममता उम्र 45 वर्ष, दिव्या उम्र 14 वर्ष, पूजा उम्र 15 वर्ष और पवन उम्र 14 वर्ष के गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी।  पुलिस ने 30 जून 2021 को मनोज कोरकू को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि पांचों को 13 मई को खेत पर बुलाकर हत्या की गई थी। इसके बाद 10 फीट गहरे गड्ढे में उनकी लाश को ठिकाने लगा दिया गया। इस खुलासे के बाद राजनीति गरमा गई थी। आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर जयस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस  बीजेपी सरकार को घेर रही है। 

SMS से सुलझी उलझी हुई गुत्थी, मौन बनी रही पुलिस

कांड के कुछ दिन बाद लापता रूपाली के मोबाइल  से भारती को  मैसेज आता है, जिसमें लिखा रहता है कि दीदी आप हमारी चिंता मत करना, हम लोग दूर चले गए। इसके बाद लगातार भारती, रुपाली से मैसेज से बात करती रही, लेकिन फोन नहीं लग रहा था। सिर्फ मैसेज आ रहे थे। भारती ने तुरंत थाने जाकर पुलिस वालों को बताया कि रूपाली का मोबाइल चालू हो गया है। लोकेशन ट्रेस कर सकते हैं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और उसे भगा दिया। 19 मई की शाम थाने से फोन आया कि सुरेंद्र को बुलवा लिया है। तुम भी आ जाओ। आमने-सामने बात कर लो। इसके बाद सुरेंद्र ने भारती को फोन दिखाते हुए कहा कि देखो इसमें यह तुम्हारी बहन का मैसेज है। तुम्हारा भाई उसे मारता है।

नौ आरोपी गिरफ्तार 

पुलिस ने शक के आधार पर सुरेंद्र के दोस्त मनोज को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। पुलिस ने सुरेंद्र, उसके भाई वीरेंद्र, विवेक तिवारी, मनोज कोरकू, करण कोरकू, राजकुमार को 30 जून को गिरफ्तार किया था। इस मामले में राकेश निमाड़े, धर्मेंद्र और अरविंद कोरकू को सह-आरोपी बनाया गया है।  इस मामले में एक भाजपा नेता ,उनके बेटे और कुछ अन्य को भी  आरोपी बनाया गया हैं।

सीएम हेल्प लाइन  पर शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस
नेमावर स्थित घर पहुंची भारती ने वकील की सलाह पर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। दूसरे दिन पुलिस भारती और सुरेंद्र के साथ हरदा पहुंची। यहां रूपाली जिस मकान में रहती थी।​​​​​​ उसके मकान मालिक ने कह दिया कि सुरेंद्र रूपाली का पति है। उससे पूछताछ करो, सब उगल देगा। भारती का आरोप था कि पुलिस वालों ने हरदा ले जाने के दौरान उसका मोबाइल रख लिया। उससे पूरे रास्ते आरोपियों जैसा व्यवहार भी किया।

वारदात के 2 दिन पहले सुरेंद्र के पिता आए थे घर
परिवार के पड़ोसियों  ने भारती को बताया कि  11 मई को सुरेंद्र के पिता उनके घर आए, जहां परिवार को धमकाते हुए कहा था कि रूपाली को समझा दो, वरना परिवार को खत्म कर देंगे, लेकिन पड़ोसी पुलिस को बयान देने से लगातार बच रहे थे। सुरेंद्र राजपूत की राजनीतिक में पकड़ होने के कारण गांव में उनका दबदबा हौ और कोई भी गांववासी  उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं था। हर किसी में खौफ का डर है। अभी सभी आरोपी जेल में हैं, लेकिन जब तक उन्हें फांसी नहीं होती, लड़ती रहूंगी। इस न्याय यात्रा को लेकर भारती का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण आरोपी लंबे समय तक सलाखों के बाहर रहे। किसी और परिवार  के साथ ऐसी घटना न हो, इसलिए वह न्याय यात्रा निकाल रही है।

 

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