प्रतिनियुक्ति में शिक्षकों का रसूख ऐसा कि शासन के नियम कायदे दरकिनार
शहडोल प्रतिनियुक्ति में शिक्षकों का रसूख ऐसा कि शासन के नियम कायदे दरकिनार
जिले में प्रतिनियुक्ति नियमों का माखौल उड़ाया जा रहा है। नियमानुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि समाप्त होने के बाद शिक्षकों को अपने मूल पदस्थापना स्थल पर लौट जाना चाहिए, लेकिन इसके विपरीत दर्जनों शिक्षक ऐसे हैं जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो चुकी है लेकिन वे कार्यालयों में ही जमे हुए हैं। विभाग में प्रतिनियुक्ति का मामला विधानसभा में भी गूंज रहा है। ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से ऐसे शिक्षकों की जानकारी चाही गई है जो प्रनिनियुक्ति अवधि के बाद भी जमे हुए हैं। लेकिन जिले से समय पर जानकारी नहीं भेजे जाने के बाद उप संचालक लोक शिक्षण भोपाल ने 10 मार्च को फिर से पत्र जारी करते हुए जानकारी मांगी है।
100 से ज्यादा शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर
भास्कर की पड़ताल में पता चला है कि कई शिक्षक 8 व 12 वर्ष से प्रतिनियुक्तिपर हैं। इनमें उच्चतर माध्यमिक शिक्षक अरविंद पांडेय वर्ष 2016 से शिक्षाधिकारी कार्यालय में रमसा व एडीपीसी के प्रभार पर हैं। वहीं डीपीसी में पदस्थ व्याख्याता बीके प्रधान की प्रतिनियुक्ति 2006 में समाप्त हो चुकी है पर कार्यमुक्त नहीं हुए। डीपीसी आफिस में ही प्रधानाध्यापक बैजनाथ प्रजापति 2012 से कार्यरत हैं। मूल विभाग आजाक है। इसी प्रकार अध्यापक संतोष यादव बीआरसी में 2012 से, श्रवण गुप्ता 2012 से बीएसी पद पर कार्यरत हैं। बीआरसी ब्यौहारी में सहायक शिक्षक शिव बहादुर सिंह बीएसी 2011 से, शिक्षक रीतेश श्रीवास्तव बीएसी में 2017 से कार्यरत हैं। बीआरसी गोहपारू में अध्यापक विजय सिंह बीएसी के रूप में 2016 से, अध्यापक सुशील सिंह बीएसी 2016 से, अध्यापक राम सिंह 2017 से, बीआरसी बुढ़ार में अध्यापक राकेश त्रिपाठी बीएसी वर्ष 2016 से, अध्यापक प्रमोद पारस बीएसी 2016 से, अध्यापक मनोज शुक्ला 2016 से तथा बीआरसी जयसिंहनगर में अध्यापक ओमप्रकाश तिवारी, विनय पांडेय, सुख निधान मिश्रा तथा अध्यापक श्यामलाल प्रजापति भी वर्ष 2016 से बीएसी हैं। इनके अलावा विभिन्न ब्लाकों में 150 से अधिक शिक्षक सीएसी के रूप में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
एक दिन में मांगी थी जानकारी, 5 दिन में तैयार नहीं हुई सूची
लोक शिक्षण उप संचालक की ओर से 10 मार्च को जारी आदेश में 7 मार्च को लिखे गए संदर्भित पत्र का उल्लेख करते हुए प्रतिनियुक्ति पर उच्च माध्यमिक शिक्षकों एवं व्याख्याताओं की समयावधि पूर्ण होने के उपरांत मूल विभाग में वापस किए जाने के लिए मांगी गई सूची मुहैया नहीं कराई गई है। प्रदेश स्तर से यह जानकारी चाही गई थी कि जिले से संबंधित जिन शिक्षकों व व्याख्याताओं की प्रतिनियुक्तिखत्म हो चुकी है उनमें से कितने विभाग में वापस लौटे। लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई। 10 मार्च के पत्र में एक दिन में जानकारी चाही गई थी, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा आज तक सूची ही तैयार नहीं कराई गई है।
राज्य शिक्षा केंद्र के ये हैं नियम
राज्य शिक्षा केंद्र के परिपत्र क्रमांक 7812 दिनांक 30.10.2015 के अनुसार प्रतिनियुक्ति की अधिकतम अवधि चार वर्ष की होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रतिनियुक्ति के मार्गदर्शी सिद्वांत के अनुरूप राज्य शिक्षा केंद्र के परिपत्र क्रमांक 10623 दिनांक 24.11.2011 के अनुसार चार वर्ष प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहने के उपरान्त विभाग मेंं वापस जाकर न्यूनतम दो वर्ष की अवधि कूलिंग आफ पीरियड के रूप में व्यतीत करना अनिवार्य होगा। इसके उपरान्त ही पुन: प्रतिनियुक्ति की पात्रता होगी। अत: इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर इन्हे कूलिंग आफ पीरियड व्यतीत करने के लिये विभाग में वापस भेजा जाए।