ऑन लाइन गेम के चक्कर में पश्चिम बंगाल से शहडोल आ पहुंची युवती, तलाशते पहुंचे परिजन पुलिस की मदद से ले गए वापस
मध्य प्रदेश ऑन लाइन गेम के चक्कर में पश्चिम बंगाल से शहडोल आ पहुंची युवती, तलाशते पहुंचे परिजन पुलिस की मदद से ले गए वापस
डिजिटल डेस्क, शहडोल। मोबाइल पर ऑन लाइन गेम की लत के नित नए कारनामे सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसके तार शहडोल और 15 सौ किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के संथाल परगना जिले से जुड़े हुए हैं। दरअसल दरअसल पश्चिम बंगाल की रहने वाली एक 18 वर्षीय युवती ऑनलाइन गेम के फेर में शहडोल तक आ पहुंची। गेमिंग के दौरान उसका परिचय शहडोल निवासी एक युवक से हो गया। जिससे मिलने वह यहां तक आ पहुंची। वह तो भला हो कि समय रहते परिजनों को पता चल गया और यहां पहुंचकर पुलिस की मदद से युवती को वापस ले गए।
पुलिस के बताए अनुसार युवती और शहडोल निवासी हमउम्र युवक मोबाइल पर ऑन लाइन गेम खेलते थे। जान पहचान गहरी दोस्ती में बदल गई। मिलने की चाहत में युवती 11 दिसंबर को किसी को बिना बताए घर से निकल पड़ी। ट्रेन से यात्रा कर वह 15 दिसंबर की रात शहडोल पहुंची। सोहागपुर थानांतर्गत करनतलैया के पास निवासी गुड्डू बैगा के घर पहुंच गई। उधर युवती के लापता होने से परेशान परिजनों ने 13 दिसंबर को संथाल परगना पश्चिम बंगाल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
विवेचना के दौरान शहडोल निवासी युवक का नंबर मिला। युवती की मां, भाई व अन्य लोग शहडोल पहुंचे और सोहागपुर थाने से संपर्क किया। कुछ घंटे की मशक्कत के बाद युवक का घर मिला, जहां युवती मौजूद मिली। जिस युवक के घर युवती मिली उसके परिजनों ने बताया कि पुलिस को सूचना देने ही वाले थे। आवश्यक औपचारिकता के बाद युवती को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया। मामले में टीआई अनिल पटेल, एएसआई रजनीश तिवारी, प्रधान आरक्षक सफी खान, मनोज शुक्ला, राम निवास पांडेय, आरक्षक पवन सिह परिहार की अहम भूमिका रही।
इधर जैतपुर में नाबालिग दस्तयाब
जैतपुर पुलिस ने कुछ ही घंटे में नाबालिग बालिका को दस्तयाब कर परिजनों को सौंपा। 16 दिसंबर को नाबालिग के गुमने की सूचना घरवालों ने थाना में दी। जिसका मोबाईल भी बन्द है। पुलिस ने धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्व कर तलाश शुरु किया। सायबर सेल की मदद से बालिका को 1 घण्टे के अन्दर दस्तयाब कर घरवालों के सुपुर्द किया गया।