अयोध्या में सरयू नदी के घाटों का हो रहा है जीर्णोद्धार
उत्तर प्रदेश अयोध्या में सरयू नदी के घाटों का हो रहा है जीर्णोद्धार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अयोध्या की पावन नगरी में जो कोई भी आता है वह रामलला के दर्शन के साथ-साथ हनुमानगढ़ी जाकर हनुमान जी के दर्शन जरूर करता है। लेकिन उनकी यह पूजा-अर्चना तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक वह यहां की पवित्र नदी सरयू में आस्था की डुबकी ना लगाएं। अयोध्या की बात करें तो यह नगरी घाटों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध नगरी है। सरयू नदी के किनारे 14 प्रमुख घाट हैं। इनमें गुप्त द्वार घाट, कैकेई घाट, कौशल्या घाट, पापमोचन घाट, लक्ष्मणघाट आदि विशेष उल्लेखनीय है।
हम सभी जानते हैं कि अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि एवं राम की पौड़ी व सरयू घाट का बहुत महत्व है। अयोध्या आने वाले प्रत्येक दर्शनार्थी राम जन्मभूमि मंदिर के पश्चात अयोध्या के सरयू घाट का दर्शन अवश्य करने जाना चाहता है। अयोध्या में प्रमुख 14 घाटों में से राम की पौड़ी स्थित नया घाट से लेकर गुप्तार घाट तक सरयू नदी के घाट सम्मिलित हैं। ज्यादातर घाट अभी तक कच्चे थे परंतु योगी सरकार ने इनका पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है।
योगी सरकार में अब अयोध्या को सबसे लंबे घाटों की सौगात मिल चुकी है। श्री राम नगरी अयोध्या में नया घाट से गुप्तार घाट तक को एक सूत्र में पिरोने के लिए इस पूरे क्षेत्र में नवीन घाट का निर्माण हो रहा है तथा केवल घाट ही नहीं बल्कि कई जन सुविधाएं भी यहां पर विकसित करने की तैयारी है। दिसंबर वर्ष 2020 में अयोध्या के घाटों का विस्तार और सौंदर्यीकरण परियोजना का आरंभ की नींव रखी गई थी। जिसके लिए सिंचाई विभाग के सरयू नहर खंड द्वारा परियोजना के स्वीकृति के लिए लगभग 232 करोड़ 56 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा था।
नया घाट से गुप्तार घाट लगभग 6 किलोमीटर तक पक्का घाट तैयार करने की योजना बनाई गई थी। जिसके बाद अयोध्या में प्रस्तावित सरयू रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य के प्रोजेक्ट को सितंबर 2021 में शुरू किया गया। इस पर लगभग 300 करोड रुपए खर्च आने का अनुमान है और सरयू रिवर फ्रंट के तहत अब यहां पर काम हो रहा है। नए घाट को एक नई शक्ल मिल चुकी है और इसके साथ-साथ अन्य घाटों को भी पूरी तरीके से बदला जा रहा है।
(आईएएनएस)
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