आरक्षित वनभूमि पर किए गए अतिक्रमण को वनविभाग ने हटाया
गड़चिरोली आरक्षित वनभूमि पर किए गए अतिक्रमण को वनविभाग ने हटाया
डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली) तहसील के देलनवाड़ी वनपरिक्षेत्र के तहत आने वाले येंगलखेड़ा वन क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा किए गए अतिक्रमण को वनविभाग की टीम ने हटा दिया है। कक्ष क्रमांक 262 में करीब 20.92 हे. आर. क्षेत्र का अतिक्रमण हटाकर वनविभाग ने उक्त वन भूमि पर अब रोपवन का कार्य आरंभ किया है। यहां बता दें कि, येंगलखेड़ा-मालेवाड़ा मार्ग पर वनविभाग की आरक्षित वनभूमि पर ग्रामीणों ने कई दिन पूर्व अतिक्रमण किया था। वनविभाग के अधिकारियों ने संबंधित अतिक्रमण धारकों को कई बार नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने काे कहा था। इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया। फलस्वरूप वनविभाग की टीम ने रविवार से अतिक्रमण हटाने की मुहिम आरंभ की।
वनभूमि पर अस्थायी रूप से बनाए गए मकान को हटा दिया गया। अतिक्रमण हटने के बाद रोपवन के लिए यहां गड्ढे भी खोदे गए। वनविभाग की टीम ने इसके छह माह पूर्व भी सोनेरांगी नियत क्षेत्र में 10.40 हे. आर. क्षेत्र का अतिक्रमण हटाया था। मांगदा, बांधगांव, सोनसरी, देलनवाड़ी आदि नियत क्षेत्र का अतिक्रमण हटाकर वनभूमि और वन संरक्षण का कार्य किया। उक्त सभी कार्रवाई देसाईगंज वनविभाग के उपवनसंरक्षक धर्मवीर सालविट्ठल, सहायक वनसंरक्षक मनोज चव्हाण के मार्गदर्शन में की गई। देलनवाड़ी के वन परिक्षेत्र अधिकारी स्वप्निन ढोणे, सोनसरी के क्षेत्र सहायक एम.एच. राऊत, चिचेवाड़ा के वनरक्षक के.बी. साखरे, वनरक्षक एस. टी. कोलथे, ए.के. गांगरेड्डीवार, ए.जी. मने, विजय साखरे, स्वास्तिक किरसान, विनोद प्रधान, आनंद उसेंडी आदि ने की। सोमवार को गड़चिरोली वनवृत्त के वनसंरक्षक डा. किशोर मानकर, उपवनसंरक्षक सालविट्ठल ने येंगलखेड़ा वनक्षेत्र में पहुंचकर रोपवन के कार्यों का जायजा लिया।