डेढ़ रुपए किलो प्याज, सरकार के दाम से बिफरे किसान, सड़कों पर फेंक कर जताया विरोध

डेढ़ रुपए किलो प्याज, सरकार के दाम से बिफरे किसान, सड़कों पर फेंक कर जताया विरोध

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-14 06:35 GMT
डेढ़ रुपए किलो प्याज, सरकार के दाम से बिफरे किसान, सड़कों पर फेंक कर जताया विरोध

डिजिटल डेस्क, नाशिक। कभी जनता को तो कभी किसानों को रुलाना वाला प्याज अब सरकार की आंखों में भी आंसू लाने जा रहा है। लाल प्याज को डेढ़ रुपए किलो का दाम मिलने से गुस्साए किसानों ने सड़कों पर  प्याज फेंक सरकार का विरोध जताया।   जिले में सूखा होने के साथ-साथ जिले का किसान प्याज के दाम गिरने से परेशान हो गया है,  इसलिए किसान रास्ते पर उतर रहा है।  किसानों की खस्ताहालत को बताने के लिए लासलगांव,चांदवड सब्जीमंडी का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात करने दिल्ली में दाखिल हुआ है । प्याज के गिरते दामों में  सबसे न्यूनतम दाम लाल प्याज को एक से डेढ़ रुपया प्रति किलो मिला। इस पर गुस्साए किसानों ने प्याज सड़क पर फेंककर सरकार का विरोध किया। प्याज उत्पादक किसान भाऊराव बिरारी ने मंडी में बेचने लाया प्याज सड़क पर फेंक दिया।  किसानों की इस नाराजगी का सरकार से तत्काल हल निकलने की  मांग लेकर निफाड़ के विधायक अनिल कदम, चांदवड के विधायक राहुल आहेर के नेतृत्व में चांदवड बाजार समिति के  सभापति डॉ. आत्माराम कुंभार्डे का प्रतिनिधिमंडल पूर्व  केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, संरक्षण राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे के साथ  केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, नितीन गडकरी व सुरेश प्रभु से मुलाकात करेंगे। 

दो किसानों ने की आत्महत्या
उधर, तहसील के 2 किसानों ने आत्महत्या कर ली। किसान तात्याभाऊ खैरनार ने प्याज के गोदाम में ही फांसी लगा ली। जबकि कर्ज कैसे लौटा जाए इस चिंता से किसान मनोज रामराव धोंडगे ने भी आत्महत्या कर ली । 

किसान ने प्याज के पैसे प्रधानमंत्री को भेजे
750 किलो प्याज बेचकर मिले 1,064 रुपए को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजने वाले नाशिक के किसान के प्याज को खराब बता दिया गया है। जिला उप-पंजीयक (डीडीआर) की महाराष्ट्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायतकर्ता किसान का प्याज मध्यम से लेकर निम्न गुणवत्ता वाला और कालापन लिए था। शिकायतकर्ता किसान ने अपनी प्याज से हुई कमाई को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेज दिया था। ताकि सरकार को प्याज उत्पादक किसानों की जमीनी स्थिति का पता चल सके। हालांकि, लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) के अधिकारियों ने रिपोर्ट को ‘झूठा" बताया है। समिति का कहना है कि उनसे जिला उप-पंजीयक कार्यालय से कोई अधिकारी मिलने नहीं आया था। जिले की निफाड तहसील के एक किसान, संजय साठे ने 29 नवंबर को विरोधस्वरूप थोक बाजार में प्याज की बिक्री से हुई अपनी 1,064 रुपए की कमाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दी थी। पीएमओ की ओर से किसान को मनी ऑर्डर लौटा दिया गया है। 

पीएमओ ने मांगी थी रिपोर्ट  
साठे के दावों को सत्यापित करने के लिए अधिकारियों से एक रिपोर्ट मांगी गई थी। राज्य सहकारिता विभाग के नाशिक जिले के डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय ने रिपोर्ट तैयार की। जिसमें कहा गया है, लासलगांव एपीएमसी ने स्पष्ट किया है कि संजय साठे का प्याज मध्यम से कम गुणवत्ता वाला और काला रंग लिए था।
 

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