लॉकडाउन का असर, चारों ओर बंद है शोर, शहर में दिख रहे मोर
लॉकडाउन का असर, चारों ओर बंद है शोर, शहर में दिख रहे मोर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन का असर इंसानों के साथ अब वन्यजीवों पर देखने मिल रहा है। फर्क इतना है, कि अब इंसान पिंजरे में है,औरवन्यजीव आजाद। इसी का एक उदाहरण शुक्रवार को शहर के महाराजबाग परिसर में देखने मिला। जहां परिसर में 8 से 10 मोर पहुंच गये। यह मोर महाराजबाग पिंजरे के नहीं है। बल्कि हरियाली व वन्यजीवों की आवाजे सुनकर शहर के आस-पास के जंगलों से यहां पहुंचे हैं। फिलहाल यह परिसर में घूम रहे हैं लेकिन इन्हें देखने के लिए सैलानी नहीं है।
पूरी दुनिया में कोरोना महामारी ने पैर पसार लिये हैं। इंसान से इंसान तक पहुंचनेवाली इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए अहम फैसला लिया गया है। जिसमें गत 22 मार्च से पूरे शहर को लॉकडाउन कर दिया गया है। अत्यंत आवश्यक जरूरतों के अलावा किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। परिणामस्वरूप शहरों की सड़के सूनी पड़ गई है। दिन व रात एक सा हाल हो गया है। घरों में बंद इंसानों का बाहर निकलना बंद हो गया है। ऐसे में शहर के आस-पास के जंगल परिसर से वन्यजीव शहर की ओर आ रहे हैं। हाल ही में मुंबई के एक रिहाएशी इलाके में मोर पहुंचने की फोटो वायरल हुई है। उसी तरह नागपुर के महाराजबाग में भी आस-पास के जंगल से राष्ट्रीय पक्षी मोर आये हैं। जिन्हें बड़ी संख्या में शुक्रवार को परिसर में पिंजरों के बाहर घूमते देखा गया है।
वर्तमान स्थिति में महाराजबाग जू हरियाली से भरपूर है। यहां बाघ, तेंदुआ, भालू के अलावा 125 प्रजाति के पक्षी है। जिनकी आवाज दिन-रात गूंजती रहती है। हालांकि अभी तक यहां सैलानियों का आवागमन रहने से कोई भी बाहरी पक्षी यहां ठहरता नहीं था। लेकिन 15 मार्च से जू को पूरी तरह से बंद किया गया है जिससे यहां लोगों का आना-जाना बंद हो गया है। एक या दो कर्मचारी परिसर में बारी-बारी से काम करते हैं। ऐसे में वन्यजीवों के लिए यह किसी जंगल इलाकों से कम नहीं है। परिणामस्वरूप नागपुर के आस-पास स्थित जंगल वाले क्षेत्र से यहां वन्यजीव आ रहे हैं। फिलहाल मोर की उपस्थिति देखने मिल रही है।