साहित्य आचार-विचारों का आदान-प्रदान करने का उत्तम माध्यम

राज्यस्तरीय सम्मेलन साहित्य आचार-विचारों का आदान-प्रदान करने का उत्तम माध्यम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-10 09:12 GMT
साहित्य आचार-विचारों का आदान-प्रदान करने का उत्तम माध्यम

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  आज का मानवी जीव व्यस्त हो गया है। ऐसे में समाज उपयोगी आचार-विचारों का आदान-प्रदान चाहिए उस पैमाने पर नहीं होता। जिन साहित्यों ने समाज का प्रबोधन किया है, ऐसे साहित्य समाज के सामने निरंतर लाना चाहिए। साहित्य आचार-विचारों के आदान-प्रदान करने का उत्तम माध्यम है।  साहित्य सम्मेलन के माध्यम से वे लोगों तक पहंुचना चाहिए, यह विचार विधायक किशोर जोरगेवार ने व्यक्त किए। 

महाराष्ट्र राज्य साहित्य व संस्कतिी मंडल, मुंबई के सहयोग से सूर्यांश साहित्य व सांस्कृतिक मंच चंद्रपुर की ओर से जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के कर्मवीर कन्नमवार सभागृह में तीसरा राज्यस्तरीय साहित्य सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन में प्रमुख अतिथि के रूप में विधायक किशोर जोरगेवार बोल रहे थे। जोरगेवार ने आगे कहा कि, कोई भी शहर की पहचान वहां के साहित्य व संस्कृति से होती है। इस दृष्टिकोण से चंद्रपुर समृद्ध शहर है। शहर के विविध सामाजिक, सांस्कृतिक व साहित्यकार  संस्थाओं ने चंद्रपुर की गौरवशाली पहचान निर्माण की है। कोई भी संस्था साहित्य सम्मेलन लेती होगी तो उस संस्था को 7 लाख रुपए की निधि उपलब्ध करवाकर देने की बात विधायक जोरगेवार ने कही। कार्यक्रम में साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सम्मेलन के साक्षात्कार सत्र में मराठी के प्रसिद्ध कवि डा.केशव सखाराम देशमुख का साक्षात्कार ब्रह्मपुरी के कवि डा.धनराज खानोरकर ने लिया।

साहित्यकार अब राजनीतिक उपन्यास लिखें : सासने
कुछ शक्ति को आप लोगों में विभाजन चाहिए। इसके लिए प्रयास शुरू है। गरीब-अमीरों में दूरी बढ़ती जा रही है। कला का विभाजन कभी नहीं होता। विश्व की संवेदना साहित्य से जुड़ी होनी चाहिए। आज हम राजनीतिक जाल में फंसे हैं। मराठी साहित्य केवल राेमांटीसिजम, पारिवारिक, आत्मचरित्र आदि में ही है। राजनीतिक कादंबरी कम लिखे गए हैं। अब मराठी लेखक, विचारक, कवियों को राजनीतिक कादंबरियों की ओर रुख करना चाहिए, ऐसे विचार 95वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष भारत सासने  ने व्यक्त किए। शनिवार को वे तीसरे राज्यस्तरीय साहीत्य सम्मेलन के अपने उद्घाटन भाषण में बोल रहे थे। इस समय मंच पर सम्मेलन अध्यक्ष कवि इंद्रजीत भालेराव, संवर्धक डा.कीर्तिवर्धन दीक्षित, स्वागताध्यक्ष प्राचार्य डा.श्याम मोहरकर, कार्याध्यक्ष संजय वैद्य, प्राचार्य डा.प्रमोद काटकर व राज्य पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार उपस्थित थे।
 

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