चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा आगर व बड़ागांव में की खाद्यान्न सामग्री की जांच|
खाद्यान्न सामग्री की जांच चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा आगर व बड़ागांव में की खाद्यान्न सामग्री की जांच|
डिजिटल डेस्क| आगर-मालवा आगर-मालवा जिले के भ्रमण के दौरान चलित खाद्य प्रयोगशाल ने सोमवार को आगर व बड़ांगाव में खाद्यान्न सामग्री की जांच की। जिसमें किराना, डेरी एवं होटल व रेस्टॉरेन्ट के 10 प्रतिष्ठानों से मौके पर खाद्यान्न सामग्री की जांच की गई।
जिसमें आगर में लिए 25 में से 24 नमूने मानक एवं 01 अवमानक तथा बड़ागांव से लिए गये 16 नमूने में से 15 मानक एवं 1 नमूना अवमानक पाया गया। तलने के लिए उपयोग किये जा रहे कड़ाई के तेल, मसाले, दूध , दही , पनीर ,घी, छाछ, कचोरी, चॉकलेट, लड्डू, कंफेशनरी ,नमकीन, मिर्ची मसाले, सौफ काली मिर्ची, चाय, दाल, मैदा, खाद्य तेल, मिठाई, आदि के 41 नमूने की मौके पर जांच की गई। इनमें से 2 नमूने उपभोक्ता की जांच के भी शामिल है। इन नमूनों में से 39 मानक 2 अवमानक स्तर के पाये गये। सैंपल की मौके पर ही प्राथमिक जांच की गई।
होटल संचालक को कड़ाई का तेल 3 बार से ज्यादा गर्म न करने एवं बार बार गर्म करने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से समझाया गया। जांच के माध्यम से बार-बार गर्मकरने से कड़ाई के तेल में होने वाले बदलाव एवं फ्रेश तेल की गुणवत्ता का अंतर बताते हुए, रिपिटेड फ्राय से खाद्य तेल में कॉम्लेक्स पार्टिकल- टोटल पोलर मॉलिक्यूल की मात्रा बढ़ने लगती है। 25 से अधिक टीपीएम के तेल में तली सामग्री के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में समझाया। साथ ही ऐसे तेल में तली जाने वाली खाद्य सामग्री की सेल्फ लाइफ भी कम होती जाती है। और गुणवत्ता भी खराब होती जाती है। इसलिए रुको अभियान से जुड़ कर पका खराब तेल आधे मूल्य में रुको नोडल अधिकारी से संपर्क कर बेचा जा सकता है।
खाद्य कारोबारी एवम उपभोक्ता को विभिन्न स्थानों पर ऑन स्पॉट जांच कर, ऑडियो एवम वीडियो के माध्यम से समझ कर जागरूक किया गया। खाद्य सामग्री के निर्माण, संग्रहण, परिवहन, विक्रय करने वाले सभी कारोबारी अपने वार्षिक टर्न ओवर अनुसार खाद्य लाइसेंस पंजीयन अनिवार्यता प्राप्त कर दुकान एवं वाहन में लगा ले।
इस दौरान वैध पंजीयन न पाये जाने पर अनियमितता एवम कामिया पाये जाने पर 4 दुकानदारो को धारा 32 का नोटिस देकर 15 दिवस में दिये गये निर्देश अनुसार सुधार एवं पूर्तिया कर दस्तावेज मय जवाब कार्यालय में प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया है। 15 दिन के बाद भी जवाब न देने या संतोषजनक समाधान न किये जाने पर नियम अनुसार अग्रिम कार्यवाही करने की चेतावनी व्यापारी को दी गई। जांच दल में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, केमिस्ट राहुल मोदी एवम लैब चालक राम कुमार शामिल रहे।