आईएएस अधिकारी का सुप्रीम कोर्ट से आनंद मोहन की रिहाई में हस्तक्षेप करने का आग्रह

तेलंगाना आईएएस अधिकारी का सुप्रीम कोर्ट से आनंद मोहन की रिहाई में हस्तक्षेप करने का आग्रह

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-26 12:00 GMT
आईएएस अधिकारी का सुप्रीम कोर्ट से आनंद मोहन की रिहाई में हस्तक्षेप करने का आग्रह

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी स्मिता सभरवाल ने बिहार में आईएएस अधिकारी जी. कृष्णया की हत्या में शामिल दोषियों की रिहाई में सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

स्मिता, जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री की सचिव हैं, उन्होंने बुधवार को कृष्णया के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त की। ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जानी जाने वाली स्मिता ने ट्वीट किया, कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या सिविल सेवक होना ठीक है। सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करें।

उन्होंने सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन के उस बयान को रीट्वीट किया, जिसमें गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णया की नृशंस हत्या में शामिल दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त की गई थी।

आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि, ड्यूटी के दौरान लोक सेवक की हत्या के आरोप में दोषी व्यक्ति को माफ नहीं किया जा सकता है। मौजूदा वर्गीकरण में संशोधन, जो लोक सेवक के सजायाफ्ता हत्यारे को रिहा करने की ओर ले जाता है, न्याय से इनकार करने के समान है। यह भी कहा गया कि इस तरह से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है, लोक व्यवस्था को कमजोर किया जाता है और न्याय के प्रशासन का मजाक उड़ाया जाता है। एसोसिएशन ने बिहार सरकार से जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।

हैदराबाद में रहने वाले कृष्णया के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई को रोकने का अनुरोध किया है। मारे गए आईएएस अधिकारी की पत्नी उमा ने कहा कि बिहार जेल मैनुअल में संशोधन कर पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले से वह स्तब्ध हैं।

उमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए और नीतीश कुमार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए, जो एक गलत मिसाल कायम करेगा और पूरे समाज के लिए गंभीर नतीजे होंगे। उन्होंने कहा, मेरे पति आईएएस अधिकारी थे और यह सुनिश्चित करना केंद्र की जिम्मेदारी है कि न्याय हो।

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजपूतों के वोट और दोबारा सरकार बनाने के लिए उनके पति के हत्यारे को रिहा कर रहे हैं।

(आईएएनएस)

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