सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार और एमसीआई को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
पीजी मेडिकल में प्रवेश का मामला सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार और एमसीआई को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार और भारतीय चिकित्सा परिषद को प्रवेश नियम 2018 को चुनौती देने वाली उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रदेश के अधिवास छात्रों के लिए सौ फिसदी आरक्षण प्रदान करता है। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की याचिका ने निजी गैर-सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों पर लागू होने वाले नियमों को चुनौती दी है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की पीठ ने शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य और एमसीआई से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें नियमों को अलग करने से इनकार कर दिया था। दरअसल, उच्च न्यायालय ने 21 सिंतबर को प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की एक बड़ी पीठ के समक्ष इसी तरह के एक मामले का हवाला देते हुए अपने फैसले को टाल दिया था।
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत के समक्ष की गई अपील में निजी गैर-सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों को अखिल भारतीय मेरिट सूची के आधार पर सीटें भरने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रवेश नियम 2018 के माध्यम से दिया गया आरक्षण एक विषम स्थिति पैदा करता है, जो नीट (एनईईटी) नियमों के विपरित होने के साथ योग्यता से भी समझौता करता है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने याचिकाक र्ता के इस और अन्य प्रमुख त र्कों को स्वीकार कर लिया है, लेकिन हाईकोर्ट ने शीर्ष अदालत के समक्ष इसी तरह के मामले के लंबित होने का हवाला देते हुए मामले पर फैसला नहीं सुनाया।