सिर्फ 7 दिन ही मिलेंगी ग्रीष्मकालीन छुटि्टयां
गड़चिरोली सिर्फ 7 दिन ही मिलेंगी ग्रीष्मकालीन छुटि्टयां
डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा(गड़चिरोली)। महाराष्ट्र दिवस, 1 मई से सभी प्राथमिक, माध्यमिक और महाविद्यालयों को ग्रीष्मकालीन छुटि्टयां रहेगी। इन स्कूलों व महाविद्यालयों में शिक्षारत शिक्षकों समेत कर्मचारियों को भी इस छुट्टी का लाभ मिलेगा। मात्र आंगनवाड़ियों में कार्यरत कर्मचारियों को इस तरह की छुटि्टयों से वंचित रखा गया है। एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना के आयुक्त कार्यालय ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए अांगनवाड़ी सेविका और सहायिकाओं को ग्रीष्मकाल की नाममात्र 7 दिनों के छुटि्टयों की घोषणा की है। फलस्वरूप आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में कार्यरत आंगनवाड़ी कर्मचारियों में असंतोष की लहर उमड़ने लगी है। यहां बता दें कि, कुपोषण के प्रमाण को कम करने के साथ-साथ माता मृत्यऊ, बाल मृत्यु का प्रमाण कम करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषाहार का वितरण किया जाता है।
गर्भवती माताओं समेत किशोरियों को भी विभिन्न प्रकार की गोलियों के वितरण के साथ उन्हें भी सुपोषण अाहार बांटा जाता है। यह सभी कार्य आंगनवाड़ी में कार्यरत सेविका और सहायिकाओं के माध्यम से होता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जिले में 800 से अधिक आंगनवाड़ी और 500 से अधिक मिनी आंगनवाड़ी कार्यरत है। पिछले 2 वर्षों तक कोरोना संक्रमण के चलते आंगनवाड़ी कंेद्र बंद रखे गये थे। जिले की अधिकांश आंगनवाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ग्रीष्मकाल के मई माह के दौरान जिले में तंेदूपत्ता संकलन का कार्य आरंभ होता है। ऐसे में अभिभावक भी अपने बच्चों को केंद्र नहीं भेज पाते। भीषण गर्मी में पंखों के अभाव में नौनिहाल बच्चों को पोषाहार का वितरण कैसे होगा? यह प्रश्न अब सेविकाओं द्वारा पूछा जा रहा है। एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना के आयुक्त कार्यालय के इस फैसले का जिलेभर में निषेध भी किया जा रहा है।