भरी दोपहरी में कक्षा के बाहर गर्मी में पर्चा देते नजर आए छात्र 

हालात ऐसे भरी दोपहरी में कक्षा के बाहर गर्मी में पर्चा देते नजर आए छात्र 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-22 05:39 GMT
भरी दोपहरी में कक्षा के बाहर गर्मी में पर्चा देते नजर आए छात्र 

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। मंगलवार, 21 फरवरी से कक्षा 12वीं की परीक्षाएं प्रारंभ हुई है। परीक्षा पूर्व नियोजन संबंधी जिला प्रशासन तथा शिक्षा विभाग द्वारा तैयारी पूर्ण करने का दावा किया गया था। लेकिन परीक्षा के पहले ही दिन शिक्षा विभाग के नियोजन की पोल खुल गई। दरअसल, घुग्घुस की प्रियदर्शिनी कन्या विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय में जगह के अभाव के कारण विद्यार्थियों को कक्षा के बाहर गर्मी में बैठकर पर्चा देना पड़ा। जब यह मामला सामने आया तब शाला प्रबंधन के साथ संबंधित विभागों ने इसे हल्के में लेने का प्रयास किया है। जबकि प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार घुग्घुस की प्रियदर्शिनी कन्या विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय में कक्षा 12वीं की परीक्षा केंद्र है। क्षेत्र के विद्यालय प्रथमेश, जनता, न्यू इंग्लिश, प्रियदर्शिनी स्कूल के कुल 386 परीक्षार्थियों काे यह परीक्षा केंद्र मिला है। परीक्षा के पहले यहां केंद्र पर कुल 375 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे। परीक्षा के दौरान स्कूल का जायजा लेने पर एक कक्षा के बाहर करीब 8 परीक्षार्थी बेंच पर बैठकर पर्चा छुड़ा रहे थे। जबकि गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू किए हंै। ऐसे में यहां केंद्र पर िनयोजनशून्य कारभार के चलते विद्यार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इस ओर शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों का ध्यान नहीं होेने के चलते इस तरह के मामले सामने आ रहे हंै। दैनिक भास्कर के प्रस्तुत संवाददाता मौके पर पहुंचने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई हंै। 

एक-दूसरे की ओर उंगली दिखाकर सभी ने जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला 
इस संबंध में केंद्र प्रमुख एस.के.बाबरे से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, हमने ब्लॉक ऑफिसर को इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी। इसमें हमारी गलती नहीं हंै। विद्यालय के प्राचार्य व केंद्र प्रमुख का कहना था कि, विद्यालय में लगभग 300 बच्चों की बैठने की व्यवस्था थी, बावजूद अधिक के विद्यार्थियों को बैठाने का नियोजन दिया गया। उसी समय विद्यालय से बीओ निवास कांबले से फोन कर इसकी जानकारी दी गई, तब उनका कहना था कि, विद्यार्थियों को कक्षा में बैठाने का नियोजन आपने करना चाहिए था। 
 

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