सब्जी व फलों को कोरोना वायरस से बचाने छात्रों ने बनाई अल्ट्रा वायलेट किरणों वाली टार्च

सब्जी व फलों को कोरोना वायरस से बचाने छात्रों ने बनाई अल्ट्रा वायलेट किरणों वाली टार्च

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-13 12:58 GMT
सब्जी व फलों को कोरोना वायरस से बचाने छात्रों ने बनाई अल्ट्रा वायलेट किरणों वाली टार्च

डिजिटल डेस्क, मुंबई।   पुणे व औरंगाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने हेतु वस्तुओं पर कीटाणु शोधन के लिए अल्ट्रा वायलेट किरणों (पैराबैगनी किरणों) वाली टार्च बनाई गई है। सोमवार को प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह जानकारी दी। सामंत ने कहा कि हम प्रतिदिन काम करते समय विभिन्न वस्तुओं को स्पर्श करते हैं। इससे कोरोना संक्रमण होने की संभावना होती है। विज्ञान के अनुसार किसी भी संक्रमण को अक्षम करने के लिए सर्वोतम विकल्प अल्ट्रा वायलेट किरणें होती हैं। इस टार्च से16-33 वॉट क्षमता की अल्ट्रा वायलेट किरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है। सब्जी और फलों को अल्ट्रा वायलेट किरणों वाली इस टार्च से कीटाणु रहित किया जा सकता है। 

सामंत ने कहा कि चीन में विमान, हेलिकॉप्टर और बस, मोबाइल, कम्प्यूटर आदि जगहों पर कीटाणुशोधन के लिए इस तरह कि टॉर्च का उपयोग होता है। भारत में पानी शुद्ध करने के लिए अल्ट्रा वायलेट किरणों वालीटॉर्च का इस्तेमाल होता है। सामंत ने बताया कि सैनिटाइजर टनल बनाने वाले कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय के प्रा. डॉ आर.जी.सोनकवडे के मार्गदर्शन में अनिकेत सोनकवडे और पूनम सोनकवडे ने इस टॉर्च को बनाया है। अनिकेत औरंगाबाद विश्वविद्यालय के दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र में व्यावसायिक कोर्स के प्रथम वर्ष के छात्र हैं जबकि पूनम पुणे के आबासाहेब गरवारे महाविद्यालय में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। दोनों छात्रों ने मुंबई के विद्याविहार स्थित पीएलए इलेक्ट्रो एप्लायसेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मदद से टॉर्च को बनाया है। 

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