आवारा श्वान के गले में चमकेगा रेडियम पट्टा, रात में नहीं कर पाएंगे हमला
आवारा श्वान के गले में चमकेगा रेडियम पट्टा, रात में नहीं कर पाएंगे हमला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आवारा श्वानों के अचानक हमले के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। कुछ पशुप्रेमियों ने इसका तोड़ निकाला है, जिससे एक तरफ लोगों की जान बचेगी, वहीं श्वानों के साथ कोई क्रूरता भी नहीं होगी। अनोखी पहल के तहत आवारा श्वानों को रेडियम बेल्ट लगाया जाएगा। अंधेरे में वाहनों का लाइट पड़ते ही यह बेल्ट रिप्लेक्ट करेंगे और जिससे वाहनधारकों को दूर से ही श्वान होने का अंदाजा लग जाएगा। वाहनों की रफ्तार कम करने से जानलेवा दुर्घटनाएं नहीं होंगी।
शहर में स्थिति : वर्ष 2020 में शहर में आवारा श्वानों की संख्या 80 हजार से ज्यादा बताई गई थी। उसके बाद इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। मुख्य कारण यह है कि इनकी नसबंदी अभियान बंद है। दूसरी तरफ, पशुप्रेमियों की मानें तो प्रति दिन एक दर्जन से ज्यादा श्वान विभिन्न जगहों पर केवल वाहनों की टक्कर से मर जाते हैं।
सुझाव पर अमल : एनिमल केयर फाउंडेशन व वर्क नामक संस्था ने जानकारों से राय लेकर इस बेल्ट का सुझाव दिया है, जिस पर तेजी से अमल हो रहा है। हल्के-फुल्के इस बेल्ट में रेडियम लगा होगा। वाहनों का लाइट पड़ते ही यह रिफ्लेक्ट करेगा।
नसबंदी के दौरान पहना सकते हैं बेल्ट : भले ही श्वानों का नसबंदी अभियान बंद है, लेकिन जल्दी ही शुरू करने के संकेत हैं। नसबंदी के लिए पकड़े गये श्वानों को बेल्ट पहनाना आसान होगा। इसके अलावा सड़कों पर बिस्कुट आदि खिलाकर भी श्वान को बेल्ट लगाया जा सकता है।
30 से 35 रुपए आएगा खर्च : पशुप्रेमी स्वप्निल बोधाने ने बताया कि श्वानों के लिए बनाए जाने वाले एक रेडियम बेल्ट पर 30 से 35 रुपए का खर्च आएगा। शहर में श्वानों की संख्या अगर एक लाख के आस-पास मान लें, तो खर्च 30-35 लाख तक हो सकता है। हालांकि बेल्ट लगाना किसी चुनौती से कम नहीं।