प्रायोगिक तौर पर उगाई जा रही स्ट्राॅबेरी की फसल
गड़चिरोली प्रायोगिक तौर पर उगाई जा रही स्ट्राॅबेरी की फसल
डिजिटल डेस्क, भामरागढ़(गड़चिरोली)। राज्य के आखिरी छोर पर बसे आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले के भामरागढ़ तहसील को प्रकृति ने अपने अनमोल कारीगरी से नवाजा है। इस तहसील का वातावरण स्ट्राॅबेरी फसलों के लिए पोषक होने की बात को ध्यान में रखकर तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय के प्रयासों से प्रायोगिक तत्व पर स्ट्राॅबेरी की बुआई की जा रही है। इससे तहसील की पुरानी चहचान मिटते हुए स्ट्राॅबेरी का उत्पादन लेने वाले तहसील के रूप में भामरागढ़ तहसील को नई पहचान प्राप्त हो सकती है।
तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय भामरागढ़ मार्फत नए-नए अनुसंधान करते हुए उत्पादन में वृद्धि करके किसानों को अधिक लाभ कैसे मिल सकता है। इसके लिए हमेशा प्रयासरत है। उसके आगे वातावरण के अनुसार इस जगह कौनसी नई फसल उगाई जा सकती है। और बाजार में उसे कितना बढ़ावा है। इसका परिपूर्ण अध्ययन कर तहसील के किसानों को किससे अधिक लाभ मिल सकता है। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाता है। तहसील की वातावरण तथा कोंकण किनारपट्टी का वातावरण में व्यापक समानता होने के कारण भामरागढ़ में कोंकण की फसलें प्रायोगिक तत्व पर लेने का निश्चित किया गया। इसमें जिला कृषि अधीक्षक मास्तोली के संकल्पना व लोकबिरादरी प्रकल्प हेमलकसा तथा तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय भामरागढ़ कके संयुक्त तत्वावधान में लोकबिरादरी प्रकल्प हेमलकसा के 3 गुंठे क्षेत्र पर प्रयोगिक तत्व पर स्ट्राॅबेरी इस महंगी फसल की बुआई की गई है।