रूंज बांध डूब क्षेत्र एवं वन क्षेत्र में उत्खनन रोकना बना चुनौती
पन्ना रूंज बांध डूब क्षेत्र एवं वन क्षेत्र में उत्खनन रोकना बना चुनौती
डिजिटल डेस्क पन्ना। वन विभाग के सतत प्रयासों एवं कार्यवाहियों के फलस्वरूप फिलहाल रूंज बांध डूब क्षेत्र एवं वन क्षेत्र में अवैध रूप से हीरा उत्खनन का कार्य थम गया है। पन्ना जिला मुख्यालय एवं आसपास निवास करने वाले व्यक्तियों को रोजगार का साधन उपलब्ध न होने के कारण बेरोजगारी एवं मजदूरी करने वाले लोग पेडों की कटाई एवं उत्खनन कार्य करने को ही अपना रोजगार मानते हैं। पन्ना शहर के चारों ओर वन आच्छादित हैं लोगों द्वारा उत्खनन एवं वृक्षों की कटाई कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है ऐसे में वन अपराधों को रोकना वन विभाग के लिए एक चुनोती बना हुआ है। पिछले वर्षों में उत्तर वनमण्डल के डीएफओ गौरव शर्मा द्वारा पन्ना शहर में कई छापामार कार्यवाही कर अवैध फर्नीचर निर्माताओं के विरूद्ध वन अपराध कायम किये थे।
पिछले एक वर्ष में रूंज नदीं में आरामगंज में बन रहे बांध से बांध निर्माण हेतु खुदाई किये गये डूब क्षेत्र एवं वन क्षेत्र में हीरा तलाशने हेतु मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली से लगभग २० से २५ हजार व्यक्ति बांध एवं वन क्षेत्र में डेरा डालकर अवैध उत्खनन कर रहे थे। उत्खननकर्ताओं को रोकने के लिए वन विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा कई बार संयुक्त कार्यवाही कर कई वाहन जप्त कर वन अपराध दर्ज किए गए। उत्खनन रोकने गई वन विभाग की टीम से कई बार विवाद की भी स्थिति निर्मित हुई। कई बार उत्खनन करने वाले पत्थरों से दबकर घायल भी हो चुके हैं। विगत २८ अक्टूबर २०२२ को छतरपुर के मुख्य वन संरक्षक संजीव झा द्वारा रूंज नदीं में हो रहे अवैध उत्खनन का भ्रमण करने के बाद बैठक लेकर उत्खनन को रूकवाने को लेकर ग्रामीणों से बात की थी। वन परिक्षेत्र विश्रामगंज के रेंजर जे.पी. मिश्रा के खण्डवा स्थानांतरण हो जाने पर रेंज विश्रामगंज का प्रभार मनोज सिंह बघेल ने सम्भाला। प्रभार सम्भालने के बाद श्री बघेल द्वारा रूंज नदीं के आसपास हो रहे उत्खनन का गश्त कर पूरी स्थिति का जायजा लिया गया। २० से २५ हजार लोगों को उत्खनन करने से रोकना, वन क्षेत्र से हटाना आसान नहीं था। श्री बघेल द्वारा वन मण्डलाधिकारी पुनीत सोनकर एवं उपवनमण्डलाधिकारी विश्रामगंज दिनेश गौर से मंत्रणा की गई तथा उत्खननकर्ताओं को वन क्षेत्र से हटाने के लिए रणनीति बनाई गई। रणनीति के अनुसार दिनांक १० नवम्बर २०२२ को आरामगंज पंचायत भवन में जिला पंचायत सदस्सय, जनपद सदस्य, सरपंच तथा जनप्रतिनिधियों की बैठक ली गई।
उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने उत्खननकर्ताओं को हटाने में वन विभाग का साथ देने का संकल्प लिया। दिनांक ११ नवम्बर २०२२ को वन विभाग द्वारा उत्खननकर्ताओं को वन क्षेत्र छोडकर चले जाने की चेतावनी दी गई। जैसे ही वन विभाग द्वारा माइक से एलाउसमेण्ट करवाया गया उसी समय से उत्खननकर्ता वन क्षेत्र एवं डूब क्षेत्र छोडकर जाने लगे। दिनांक १२ नवम्बर २०२२ को उपवनमण्डलाधिकारी विश्रामगंज दिनेश गौर एवं मनोज सिंह बघेल रेंजर के नेतृतव में वनमण्डल उत्तर पन्ना के वन अमले द्वारा आरामगंज पहुंचकर रूंज नदीं में पांच किमी लंबाई में दोनों ओर अवैध रूप से बसे लोगों को समझाईश देकर हटा दिया गया। यह कार्यवाही बगैर किसी विवाद के सफलतापूर्वक हुई। दिनांक १३ नवम्बर २०२२ को पन्ना टाइगर रिजर्व एवं परिक्षेत्र विश्रामगंज की संयुक्त वन गश्ती हुई वन विभाग के उक्त प्रयासों और कार्यवाहियों से महज दो दिन के अंदर बगैर किसी विवाद के २० से २५ हजार लोगों को वन क्षेत्र से बाहर किया गया। वन क्षेत्र में उत्खनन रोकने के लिए वन विभाग द्वारा दो कैम्प बनाए गए हैं जिसमें दस-दस लोग रात-दिन रहकर वन सुरक्षा कर रहे हैं। डूब क्षेत्र एवं वन क्षेत्र में पुन: उत्खनन रोकना वन विभाग के लिए एक चुनौती है।