अब तक गड़चिरोली जिले के 7,360 मरीजों की बचाई गई जान

स्वास्थ्य योजना से संजीवनी अब तक गड़चिरोली जिले के 7,360 मरीजों की बचाई गई जान

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-17 07:59 GMT
अब तक गड़चिरोली जिले के 7,360 मरीजों की बचाई गई जान

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले के आदिवासी नागरिकों के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना वरदान साबित हो रही हैं। जिले के अब तक 7 हजार 360 मरीजों पर विभिन्न अस्पतालांे में शल्यक्रिया व िवभिन्न प्रकार का इलाज कर उन्हें नया जीवनदान दिया है।  इस कार्य पर सरकार ने 16 करोड़ 64 लाख 69 हजार 890 रुपयों की निधि खर्च की है। इस संदर्भ में गड़चिरोली जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने 2 जुलाई 2012 में राज्य के गड़चिरोली समेत अमरावती, नांदेड़, सोलापुर, धुलिया, रायगढ़, उपनगरीय मुंबई, मुंबई शहर आदि आठ जिलों में पहले चरण के रूप में इस योजना का क्रियान्वयन किया। 

पहले चरण के दौरान योजना का नाम राजीव गांधी जीवनदायिनी योजना रखा गया था। जिसके बाद दूसरे चरण में 13 अप्रैल 2017 को सरकार ने महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना के नाम से राज्य के शेष जिलों में यह योजना क्रियान्वित की गई। गरीबी रेखा के नीचे और जिन परिवारों की वार्षिक आय 1 लाख रुपयों से कम हैं, ऐसे लाभार्थी इस योजना का लाभ पा सकते हैं। बताया गया कि वर्ष 2012 से अब तक इस योजना के तहत गड़चिरोली जिले के तकरीबन 7 हजार 360 मरीजों ने योजना का लाभ उठाया हैं। पूर्वी विदर्भ के निजी समेत कुछ सरकारी अस्पतालों में योजना के तहत इलाज की सुविधा सरकार ने की है। गड़चिरोली जिले के अधिकांश मरीजों पर वर्धा के निजी अस्पताल में इलाज िकए जाने की जानकारी है। योजना के तहत पात्र लाभार्थियों पर सरकार द्वारा नि:शुल्क शल्यक्रिया के साथ दवाइयों का वितरण किया जाता है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना के तहत लाभार्थियों से आवेदन कर अधिकाधिक संख्या में योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया है। सनद रहे कि, गड़चिरोली जिले में स्वास्थ्य सुविधा इस कदर लचर अवस्था में हैं कि, ग्रामीण इलाकों में उपचार के अभाव में कई गर्भवती माताओं समेत अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ रही हैं। हालांकि राज्य सरकार ने आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले के लिए सैकड़ों की संख्या में अस्पताल आरंभ किए हैं। 
 

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