पिछले एक साल में बंगाल के सिलीगुड़ी कॉरिडोर में तस्करी से लाए गए 37 करोड़ रुपये के वन्यजीव उत्पाद जब्त किए गए

तस्करी पिछले एक साल में बंगाल के सिलीगुड़ी कॉरिडोर में तस्करी से लाए गए 37 करोड़ रुपये के वन्यजीव उत्पाद जब्त किए गए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-08 10:30 GMT
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राज्य के वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल के दौरान पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी कॉरिडोर से विभिन्न एजेंसियों द्वारा 37 करोड़ रुपये मूल्य के वन वृक्षों सहित तस्करी किए गए वन्यजीव उत्पादों को जब्त किया गया है। एक वर्ष के दौरान जब्त किए गए उत्पादों के मूल्य के संदर्भ में, अधिकतम तस्करी वाले वन पेड़ों से था, जो कि 13 करोड़ रुपये था।

जंगल के पेड़ों के अलावा, जब्त किए गए अन्य वन्यजीव उत्पादों में पैंगोलिन, पैंगोलिन-स्किन, बाघ और तेंदुए के शावक, बाघ और भालू की स्किन, साही, गेको की दुर्लभ प्रजातियां, सांप का जहर, हाथी की सूंड और गैंडे के सींग शामिल हैं। बरामदगी का अधिकांश हिस्सा बैकुंठपुर वन डिवीजन के अंतर्गत बेलाकोबा रेंज के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में हुआ है।

राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने इस खतरे का मुकाबला करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति अपनाने का फैसला किया है।

मंत्री ने कहा कि तत्काल कदम के रूप में इस कॉरिडोर में जंगल की रखवाली करने वाले 400 वन रक्षकों को मोटरसाइकिलों से लैस किया जाएगा ताकि जंगल क्षेत्र के भीतर बेहतर गश्त की जा सके। वन्यजीव उत्पाद तस्करों का मुकाबला करने के लिए वहां के रेंज कार्यालयों को विशेष रूप से लैस चौपहिया वाहनों को उपलब्ध कराया जाएगा।

मंत्री के अनुसार, नेपाल, भूटान और म्यांमार के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्यों से वन्यजीव और लकड़ी के तस्कर इस सिलीगुड़ी-अलीपुरद्वार कॉरिडोर के माध्यम से इन तस्करी वाले उत्पादों को आयात करने और फिर देश के विभिन्न हिस्सों में तस्करी करने में सक्रिय हैं।

उन्होंने कहा, इसलिए, राज्य के वन विभाग के कर्मचारियों ने क्षेत्र में विशेष रूप से बेलाकोबा रेंज में चौकसी बढ़ा दी है। सीमा पार से आने वाले हर वाहन की गहनता से जांच की जा रही है, जिसके बाद उन्हें जाने दिया जा रहा है।

(आईएएनएस)

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